
Waqf Act Hearing: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने मुस्लिम पक्ष और संशोधन समर्थक दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। वहीं पीठ ने इस मामले में दो अहम पहलुओं पर विचार करने की बात कही। वहीं वक्फ कानून के विरोध में देश में हो रही हिंसा पर भी सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से ‘वक्फ बाई यूजर (Waqf By User) के मुद्दे पर जवाब मांगा है। बता दें कि अब अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
कोर्ट ने कहा कि वक्फ बाय यूजर की संपत्तियों को डिनोटिफाई करना, जो कि कानून के तहत स्थापित हो चुकी हैं, समस्याएं पैदा करेगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि वक्फ का हिस्सा बनने वाली कई मस्जिदें 13वीं, 14वीं और 15वीं सदी में बनी थीं और उनके लिए दस्तावेज पेश करना असंभव है। कोर्ट ने केंद्र से इस पर जवाब मांगा कि अगर पुरानी मस्जिद के पास कागजात नहीं होंगे तो उनका रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
कोर्ट ने कहा कि विधानसभा यह घोषित नहीं कर सकती कि अदालत का फैसला बाध्यकारी नहीं होगा। पीठ ने कहा कि दुरुपयोग के उदाहरण तो हैं, लेकिन "वास्तविक वक्फ भी हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश में कुल 8 लाख संपत्तियों में से 4 लाख वक्फ संपत्तियां 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, "हमें बताया गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय वक्फ भूमि पर बना है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि उपयोगकर्ता द्वारा सभी वक्फ गलत हैं।
अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की मुसलमानों को अनुमति देने को तैयार है।
बता दें कि Waqf By User उस संपत्ति को कहा जाता है जिसे धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाए जाने के कारण वक्फ माना जाता है। भले ही उसके पास कोई औपचारिक कागजात नहीं हो।
Updated on:
16 Apr 2025 09:01 pm
Published on:
16 Apr 2025 06:41 pm
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