महिला आरक्षण बिल के बहाने डिंपल यादव ने की जातिगत जनगणना की मांग, जानिए दूसरी महिला सांसदों ने क्या कहा?
Women Reservation Bill: 20 सितंबर को महिला आरक्षण बिल पर संसद में जमकर बहस हो रही है। बहस के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर देश की लगभग सभी महिला सांसदों ने अपनी बात रखी।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने विधायिका में महिला आरक्षण बिल लाकर बड़ा दांव चला है। 19 सितंबर को लोकसभा में बिल पेश होने के बाद आज यानी 20 सितंबर को इस मुद्दे पर संसद में जमकर बहस हो रही है। एक तरफ जहां बहस के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर देश की लगभग सभी महिला सांसदों ने अपनी बात रखी।
वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने महिला आरक्षण के बहाने देश में जातीगत जनगणना कराने की मांग की। साथ ही महिला आरक्षण बिल को आगामी चुनाव में लागू करने की मांग की।
बिल आगामी चुनाव में लागू होगा या नहीं?
20 सितंबर को बहस के दौरान समाजवादी पार्टी की लोकसभा में एक मात्र महिला सांसद डिंपल यादव ने बहस के दौरान सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला, अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए।
लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा कि नहीं।
इस दौरान उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगी और परिसीमन कब होगा? सरकार जातीय जनगणना और परिसीमन की तारीख बताए। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग की महिलाओं और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण मिले। सरकार को एक दशक के बाद महिलाओं की याद आई है। सरकार महिलाओं को उनका हक कब देगी?
महिला आरक्षण बिल का फाय़दा अगले 15 साल तक नहीं
वहीं, महिला आरक्षण के मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान सामने आया हैं। उन्होंने सरकार के नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 वर्षों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा।
जनगणना में काफी समय लगता है। इसके बाद ही यह बिल लागू होगा। इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।
मेरे जीवन साथी का सपना पूरा होगा
वहीं, इस बिल के समर्थन में बोलते हुए पूर्व कांग्रेस अधयक्ष और यूपी की रायबरेली सीट से सांसद सोनिया गांधी ने इस समर्थन देने का एलान किया। इस दौरान वह काफी भावुक नजर आई उन्होंने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल मेरे जीवन साथी (राजीव गांधी) लेकर आए थे। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है। इस बिल के पास होने से उनका सपना पूरा होगा।
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भाजपा ने इसे राजनीति के अवसर के रूप में लिया- कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, मुझे महिला आरक्षण विधेयक के बारे में बोलते हुए खुशी हो रही है। हमने सोचा था कि यह विधेयक हम सभी के एक-दूसरे का समर्थन करने और एक साथ खड़े होने से पारित हो जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य से, भाजपा ने इसे भी राजनीति के अवसर के रूप में लिया है। महिला आरक्षण विधेयक भाजपा का चुनावी वादा है। फिर भी, कई नेताओं को इस विधेयक को लाने और इसे पारित करने का आग्रह करना पड़ा।
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