
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Photo-IANS)
Discussion on pollution in Parliament: लोकसभा में आज प्रदूषण पर चर्चा होगी। संसद में विपक्षी सदस्यों ने बिगड़ती हवा की गुणवत्ता और मौजूदा उपायों के प्रभावों को लेकर लगातार चिंता जताई थी। आज कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा चर्चा की शुरुआत करेंगी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव विपक्ष के सवालों के जवाब देंगे। प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने की सरकार की रणनीति के बारे में भी बताएंगे।
शिवसेना (उबाटा) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है कि प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की मौजूदा स्थिति ऐसी हो चुकी है कि आम लोगों का सांस लेना तक दूभर हो चुका है। ऐसे में अगर प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, तो इसे एक बहुत ही अच्छे कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के किंतु परंतु नहीं होने चाहिए।
प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि प्रदूषण की वजह से आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। हमें दोषारोपण की प्रवृत्ति से बाहर निकलकर इसके समाधान का रास्ता तलाशना होगा, ताकि आगे चलकर सकारात्मक हो सके। प्रदूषण से मौजूदा समय में स्थिति इतनी विकराल हो चुकी है कि इस पर संसद में पहले ही दिन चर्चा हो जानी चाहिए थी। लेकिन, अफसोस ऐसा हुआ नहीं। खैर, अब कोई बात नहीं, देर से ही सही। लेकिन, हम लोगों ने कम से कम इस पर चर्चा की अहमियत को तो समझने का प्रयास किया।
इससे पहले कई सांसद केंद्र सरकार से गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने की उसकी तैयारी और दीर्घकालिक नजरिए के बारे में सवाल कर चुके हैं। डीएमके के राज्यसभा सदस्य डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू ने जानना चाहा था कि क्या सरकार उन इलाकों में बड़े पैमाने पर एयर प्यूरीफायर लगाने के लिए फंड दे रही है, जहां बहुत ज्यादा प्रदूषण है?
संसद में बहस के दौरान भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण की गंभीरता को स्वीकार किया और माना कि वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। उन्होंने जन जागरूकता और नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि नागरिकों को एयर क्वालिटी इंडेक्स रीडिंग और स्वास्थ्य पर उनके असर के बारे में पता होना चाहिए।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार जागरूकता लाने और नियमों को लागू करने पर काम कर रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत देशभर के 130 शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पहल चल रही हैं। भूपेंद्र यादव ने कहा कि हानिकारक औद्योगिक उत्सर्जन को रोकने और नियमों को लागू करने में कमियों को दूर करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही शहरी स्थानीय निकायों की जमीनी स्तर पर नियमों का पालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बताया कि 20,000 वर्ग मीटर से ज्यादा के क्षेत्र वाली परियोजनाओं के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को निर्माण और विध्वंस कचरे के निपटान के लिए तय जोन बनाने की सलाह दी है ताकि बिना रोक-टोक के कचरा फेंकने और धूल प्रदूषण को रोका जा सके।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के नए उपायों के तहत 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम गुरुवार से लागू होगा। इसके अलावा, गुरुवार से सिर्फ बीएस-सिक्स कंप्लायंट गाड़ियां जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें ही शहर में आने की इजाजत होगी, जबकि कंस्ट्रक्शन मैटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा। दिल्ली में ग्रैपनियमों के तहत कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया गया है।
Updated on:
18 Dec 2025 02:00 pm
Published on:
18 Dec 2025 10:05 am
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