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‘डिज्नीलैंड वाली पार्टी के प्रवासी प्रोफेसर’, राहुल गांधी के बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी का तंज

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर तीखा हमला बोला है।

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Mukhtar Abbas Naqvi Attack on Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तीखा हमला बोला है। नकवी ने राहुल गांधी को 'डिज्नीलैंड वाली पार्टी के प्रवासी प्रोफेसर' करार देते हुए कहा कि वे जहां भी जाते हैं, भारत की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। नकवी के इस बयान के बाद सियासी हलकों में बयानबाजी और तेज हो गई है, और विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

'विदेश में बकवास बहादुरी, देश में बवाल बहादुरी'

बीजेपी नेता ने कहा, वंशवाद को लोकतंत्र के डिज्नीलैंड के रूप में पेश करने वाले प्रवासी प्रोफेसर साहब के पाठ्यक्रम में ऐसा ही पाठ पढ़ाया जाता है। जब ‘पप्पू जी’ उनकी पाठशाला में जाएंगे तो यकीनन बवाल बहादुरी देश में और बकवास बहादुरी विदेश में ही करेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो खुद इन संस्थाओं पर बार-बार हमले करते रहे हैं, वे अब इन्हीं के नाम पर हाहाकार मचा रहे हैं।

मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर जताई चिंता

इस बीच, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा और सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई को लेकर भी नकवी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा, संवैधानिक कानून की आड़ में सांप्रदायिक लिंचिंग का माहौल बनाना एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए खतरे की घंटी है। सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा बल्कि अवलोकन कर रहा है, जो एक अलग विषय है।

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वक्फ कानून को लेकर भी की टिप्पणी

नकवी ने वक्फ कानून को लेकर भी टिप्पणी की और कहा कि यह कोई ‘आसमानी कानून’ नहीं है बल्कि संसद द्वारा बना एक जमीनी कानून है, जिसे सुधारना संसद का अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ लोग सांप्रदायिक उन्माद के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हाईजैक करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर भी नकवी ने तंज कसते हुए कहा, समाजवादी पार्टी के ‘टीपू’ हों या कांग्रेस के ‘सुल्तान’, चाहे वे अकेले लड़ें या मिलकर, चुनावी चौपाल में चारों खाने चित होंगे।