
DPDP Act Draft
DPDP Act Draft: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम (DPDP) के लिए मसौदा नियम जारी किया है। संसद में अगस्त 2023 में पारित DPDP अधिनियम का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा प्रसंस्करण के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना है। इसको लेकर 18 फरवरी तक आने वाली आपत्तियों के आधार पर बैठक में बदलाव किया जाएगा, अन्यथा इसे जारी रखा जाएगा। आईटी मंत्रालय द्वारा डीपीडीपी अधिनियम के मसौदा नियमों में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए 18 साल से कम आयु वालों को माता-पिता की मंजूरी लेनी होगी।
नियमों में कहा गया है कि एक महत्वपूर्ण डेटा फ़िड्यूशरी यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय करेगा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट व्यक्तिगत डेटा, इस प्रतिबंध के अधीन संसाधित किया जाता है कि व्यक्तिगत डेटा और इसके प्रवाह से संबंधित ट्रैफ़िक डेटा भारत के क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जाता है।
लोगों द्वारा मसौदा नियमों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, खासकर बच्चों के डेटा के प्रसंस्करण और किसी भी संभावित आयु-सीमा के केंद्र के रुख के संबंध में इंतजार किया जा रहा था। मसौदा नियमों में कहा गया है कि डेटा न्यासी को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित तकनीकी और संगठनात्मक उपाय अपनाने होंगे कि पहले माता-पिता की मंजूरी प्राप्त की जाए।
केंद्र सरकार ने जो अब मसौदा तैयार किया है, इसमें नियमों के उल्लंघन पर किसी भी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं किया है। हालांकि अभी केंद्र सरकार की ओर से नियम जारी करने को लेकर लोगों से राय मांगी है। इसके बाद लोगों की राय पर गौर किया जाएगा और 18 फरवरी के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। साथ ही नियम नहीं मानने वाली कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
मसौदा नियम बच्चों या विकलांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने से पहले माता-पिता या कानूनी अभिभावकों से सत्यापन योग्य सहमति प्राप्त करने की आवश्यकताओं को रेखांकित करते हैं। विशेष रूप से डेटा फ़िड्यूशरी को यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय लागू करने चाहिए कि बच्चे के डेटा प्रोसेसिंग के लिए सहमति प्रदान करने वाला व्यक्ति बच्चे का माता-पिता या कानूनी अभिभावक है और माता-पिता या अभिभावक की पहचान की जा सकती है।
नियमों में एक विनियामक निकाय के रूप में डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड की स्थापना का भी प्रस्ताव है। यह एक डिजिटल कार्यालय के रूप में काम करेगा, जिसमें दूरस्थ सुनवाई होगी और उल्लंघनों की जांच करने, दंड लागू करने आदि के अधिकार होंगे।
डेटा फिड्यूशरी वो व्यक्ति, कंपनी या फर्म होती है जो किसी शख्स के पर्सनल डेटा को प्रोसेस का तरीका तय करता है। डेटा फिड्यूशरी को डेटा प्रोसेस करना होता है। इसके अलावा डेटा फिड्यूशरी किसी खास मकसद के लिए भी डेटा प्रोसेस कर सकता है। हालांकि इस दौरान उसे डेटा स्टोर करने की सीमाओं का पालन भी करना होता है।
Published on:
04 Jan 2025 10:28 am
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