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कोडीन वाले कफ सिरप पर लगेगी रोक! नशे में हो रहा इस्तेमाल, दिमाग-शरीर को कर देती है सुन्न

कोडीन वाले कफ सिरप के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस पर सरकार विचार कर रही है। कई सांसदों ने इस कप सिरफ को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से शिकायत की थी। इसका इस्तेमाल दवा में कम और नशे में ज्यादा किया जा रहा है।

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Codeine Cough Syrup

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कोडीन आधारित कफ सिरप के निर्माण और बिक्री पर सरकार जल्द ही रोक लग सकती है। कई सांसदों ने इस कप सिरफ को लेकर शिकायत की थी कि इसका इस्तेमाल दवा में कम और नशे में ज्यादा किया जा रहा है। इससे जुड़ी नीतियों की समीक्षा की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को कई नेताओं ने कोविन वाले कप सिरप पर पाबंदी लगाने के लिए कहा है। यह आसानी से बाजार में मिल जाती है और लोग इसका उपयोग नशे के लिए कर रहे है। इसका ज्यादा इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। सूत्रों के अनुसार सरकार अब इसकी सप्लाई और बिक्री पर पाबंदी लगा सकती है।

सरकार कर रही विचार
कई नेताओं मिली शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को मार्च में इस मामले में समीक्षा करके जरूरी सुझाव मांगा था। अब DCGI ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी समीक्षा रिपोर्ट दे दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही बारे में सरकार कोई बड़ा फैसला ने सकती है। वैसे तो कोडीन वाले कफ सिरप पर पांबदी की मांग 2015 से ही होती रही है, लेकिन कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है।

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दिमाग और शरीर को सुन्न कर देता है
देश की जनता की हित के लिए कई सांसदों में इस सिरप पर रोक लगाने की मांग लंबे समय से करते आ आए है। इसके लिए कई नेताओं ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि इसके उपयोग से दिमाग और शरीर पूरी तरह सुन्न हो जाता है। आजकल युवाओं में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही कोरेस सिरप पर भी रोक लगाने की मांग की है। क्योंकि इसका इस्तेमाल भी दवा से ज्यादा नशे में होता है।

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शराब की तरह होता है नशा
आपको बता दें कि कोडीन अफीम से बनी एक दर्दनिवारक दवा होती है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कफ, दर्द और डायरिया के इलाज में किया जाता है। यह एक तरह का पौधे से निकला प्राकृतिक एल्केलॉइड होता है जो अफीम के अर्क में पाया जाता है। एक बोतल कफ सीरप में 3 प्रतिशत तक कोडीन होता है। कोडीनयुक्त कफ सीरप एक-दो चम्मच पीने पर दवा की तरह काम करता है। पूरी बोतल गटकने पर शराब की तरह नशा होता है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में हो रहा है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, कोडीन संबंधित दवाओं के लिए नियम कड़े करने की ज़रूरत है।