
एक गलत कॉल पर नवप्रसूता वकील की पीड़ा सुनकर देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DV Chandrachud) ने अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई प्रणाली को मजबूत करने को अपना मिशन बना लिया। नवाचारों और सुधार के लिए चर्चित सीजेआइ चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को खुद यह किस्सा सुनाया।
बॉम्बे बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कानूनी पेशे में लैंगिक समानता पर बात करते हुए कहा कि एक बार अपने सहकर्मी की बेटी को फोन करने के प्रयास में गलती से एक महिला वकील को फोन कर दिया। गलत कॉल लगने पर भी उन्होंने महिला वकील से कामकाज के बारे में पूछा तो उसने अपनी पीड़ा बताई कि वह हाल ही मां बनी है। इसकी वजह से उसकी प्रेक्टिस बंद है। उसने आग्रह किया कि ऑनलाइन सुनवाई बढ़े और सिस्टम सुधरे तो उसे प्रेक्टिस बंद नहीं करनी पड़े। सीजेआइ ने कहा कि महिला वकील के यह शब्द उनके दिमाग में रहे और तय किया कि कुछ करना चाहिए। अदालतों में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआइ चंद्रचूड़ के कार्यकाल में ही अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई मजबूत हुई है।
सीजेआइ (CJI) ने कहा कि समाज के प्रति करुणा की भावना के कारण ही जजों को जज के रुप में टिकाए रखती है। इसी की वजह से न्याय होता है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में प्रौद्योगिकी पर बहुत काम हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में एक वॉर रूम है। सभी पहलों का उद्देश्य आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाना है, और वास्तव में यही उनका मिशन है। सीजेआइ ने युवा वकीलों से नैतिकता पर कायम रहने और अदालतों को गुमराह न करने का आग्रह किया।
सीजेआइ ने कहा कि निष्पक्ष और स्वतंत्र जजों के कारण बॉम्बे हाईकोर्ट का देश में सर्वाेच्च स्थान और उन्हें इस पर गर्व है। यहां के जजों ने इमरजेंसी में भी सिर नहीं झुकाया। उस समय यहां से कई जजों के कोलकाता तबादले हुए। तबादले पर गए जस्टिस परसा मुखी की बीमार होने पर मृत्यु हो गई लेकिन वे न्याय में विचलित नहीं हुए और जो सही माना वही किया।
Published on:
26 Oct 2024 09:59 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
