
विदेश मंत्री एस.जयशंकर (Photo- IANS)
BRICS Summit: ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने वैश्विक आर्थिक प्रथाओं को निष्पक्ष और सभी के हित में बनाने पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आर्थिक नीतियां पारदर्शी और सहयोगी नहीं होंगी, तो वैश्विक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। जयशंकर ने कहा कि दुनिया को व्यापार के प्रति रचनात्मक और सहयोगी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो सतत विकास सुनिश्चित करे। यह बयान रूस की मेजबानी में आयोजित इस सम्मेलन में आया, जहां ब्रिक्स देशों ने वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की। जयशंकर ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि आर्थिक प्रथाएं सबको लाभ पहुंचाएं, ताकि असमानताएं कम हों।
जयशंकर ने कहा, आज दुनिया मौजूदा संघर्षों का तत्काल समाधान चाहती है। उन्होंने ग्लोबल साउथ के खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक सुरक्षा में कमी का जिक्र किया, जो वैश्विक अस्थिरता को बढ़ा रही है। जहां शिपिंग को निशाना बनाया जाता है, वहां न केवल व्यापार प्रभावित होता है, बल्कि आजीविका भी खतरे में पड़ जाती है। उन्होंने चुनिंदा संरक्षणवाद (प्रोटेक्शनिज्म) को वैश्विक समाधान की बाधा बताया, जो सभी देशों के हितों को नुकसान पहुंचाता है। विदेश मंत्री ने कूटनीतिक प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि शत्रुता का शीघ्र अंत और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने का मार्ग कूटनीति ही है। यह बयान यूक्रेन संकट और मध्य पूर्व तनावों के संदर्भ में प्रासंगिक लगा, जहां ब्रिक्स देशों ने शांति की अपील की।
पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कामकाज में कई कमियां उजागर हुई हैं, जयशंकर ने कहा। प्रमुख मुद्दों पर गतिरोधों ने साझा आधार खोजने की प्रक्रिया को कमजोर किया है। इन अनुभवों ने बहुपक्षवाद को मजबूत बनाने और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र तथा सुरक्षा परिषद में सुधारों की आवश्यकता को और सशक्त बना दिया है। ब्रिक्स ने इस सुधार की प्रक्रिया के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है, और जयशंकर ने उम्मीद जताई कि यह सामूहिक रूप से बहुप्रतीक्षित परिवर्तन के लिए एक सशक्त आवाज बनेगा। ब्रिक्स समूह, जिसमें भारत, रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, ने वैश्विक शासन में अधिक समावेशी भूमिका निभाने का संकल्प दोहराया। जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत करेगा, ताकि विकसित देशों का वर्चस्व कम हो।
दुनिया नीतिगत चुनौतियों से जूझ रही है, लेकिन हमें बड़ी चिंताओं, खासकर जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जयशंकर ने चेताया। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रथाएं न केवल निष्पक्ष हों, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी ध्यान में रखें। सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने जलवायु वित्तपोषण और हरित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। जयशंकर का यह बयान भारत की ग्लोबल साउथ नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित करता है, जहां देश ने G20 के दौरान समावेशी विकास पर जोर दिया था।
Published on:
08 Sept 2025 10:34 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
