6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा और उनसे संबंधित लोगों के 18 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी कर जब्त किए 5.32 करोड़ रुपये नकद

ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड में लगभग 18 स्थानों पर छापेमारी की और 5.32 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। ये छापेमारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनसे संबंधित लोगों के खिलाफ की गई थी।

2 min read
Google source verification
ED seizes Rs 5.32-cr cash after raids against Jharkhand CM Hemant Soren's aide Pankaj Mishra and linked persons

ED seizes Rs 5.32-cr cash after raids against Jharkhand CM Hemant Soren's aide Pankaj Mishra and linked persons

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनसे संबंधित लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालाय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड में लगभग 18 स्थानों पर छापेमारी की और 5.32 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। इस मामले में साहिबगंज जिले, बरहेट और राजमहल जैसे शहरों में शुक्रवार को तलाशी शुरू की गई थी। ये जांच बरहरवा थाने में दर्ज टेंडर मैनेज करने से संबंधित मामले में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में की गई।

अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान एक व्यक्ति के परिसरों से 5.32 करोड़ रुपये की नकदी तथा कई स्थानों से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर तलाशी अब भी चल रही है। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला राज्य पुलिस की एक प्राथमिकी से सामने आया और ED झारखंड में अवैध कोयला खदान संचालकों तथा टोल प्लाजा के ठेके देने में शामिल लोगों के बीच संबंधों की पड़ताल कर रही है।

ये मामला साहिबगंज के बरहरवा पुलिस स्टेशन में एक टोल टैक्स ठेकेदार की जून 2020 में की गई शिकायत से शुरू हुआ है। इस शिकायत में मिश्रा और सोरेन सरकार में एक मंत्री के निर्देश पर झड़प और कथित हमले का जिक्र भी है। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि यह झड़प बरहरवा नगर पंचायत में प्रवेश करने वाले वाहनों से टोल टैक्स के लिए एक विवाद की वजह से की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मंत्री का भाई भी टेंडर के लिए कंप्टीशन में था और उसने एक फर्जी कंपनी के लिए ठेका हासिल करने के लिए ज्यादा बोली लगाकर टेंडर प्रक्रिया को डिस्टर्ब करने की कोशिश की थी।

बता दें, ED ने इससे पहले 6 मई को रांची में पूजा सिंघल, उनके व्यवसायी पति अभिषेक झा और चार्टर्ड अकाउंटेंट के परिसरों पर छापा मारा था और राज्य के कुछ अन्य स्थानों को कवर किया था। साल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा स‍िंघल, जो झारखंड खनन सचिव का प्रभार संभाल रही थी, को को ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था। ED को पूजा सिंघल के मनरेगा घोटाले में भारी मात्रा में अवैध खनन व काली कमाई के बारे में जाकारी मिली थी।

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाव में TMC के 3 कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, मुख्य संदिग्धों में से एक आरोपी गिरफ्तार

इसी बीच ED को यह भी पता चला कि पंकज मिश्रा का संताल के क्षेत्र में दबदबा है, जिसके जरिए उस क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन, अवैध परिवहन आदि चल रहा है। इसी बीच गंगा नदी में मालवाहक जहाज दुर्घटना हो गई, जिसमें अवैध पत्थर ढुलाई की बातें सामने आईं। ED अवैध उत्खनन पर नजर रख ही रही थी, इसी बीच ED को बडरहरवा टेंडर विवाद से संबंधित केस दर्ज करने का आधार मिल गया और कथित केस को टेकओवर करते हुए ED ने मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू दी। वहीं एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में उनके और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

यह भी पढ़ें: झारखंड के इन सरकारी स्कूलों में रविवार के बदले शुक्रवार को होती है छुट्टी, प्रशासन तक को नहीं है खबर