29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अचानक 8 मंत्रियों ने दिए इस्तीफे, BJP गठबंधन वाले मेघालय में सियासी हलचल तेज

Meghalaya Political: मेघालय में इन द‍िनों सियासी उथलपुथल जारी है। अचानक 12 में से आठ मंत्र‍ियों ने अपने इस्तीफे राज्यपाल को सौप दिए है। इस्तीफे देने वालों में ज्‍यादातर सरकार के सीनियर नेता हैं।

2 min read
Google source verification

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (Photo-IANS)

Meghalaya Political Crisis: नॉर्थ ईस्‍ट के मेघालय में इन द‍िनों सियासी उथलपुथल चल रही है। मंगलवार को 12 में से आठ मंत्र‍ियों ने अचानक इस्‍तीफा देकर सियासी हलचल पैदा कर दी है। पद छोड़ने वालों में सबसे ज्यादा सरकार के सीनियर नेता शामिल हैं। आपको बता दें कि मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार सत्ता में है। मुख्यमंत्री संगमा के नेतृत्व में गठबंधन में यूडीपी, एचएसपीडीपी और भाजपा शामिल हैं। लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की चर्चा चल रही थी। आज के इस्तीफों से पुराने चेहरों को विदाई मिली, ताकि नए नेताओं को जगह मिल सके। यह कदम सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने और गठबंधन संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

इन मंत्रियों ने दिए इस्तीफे

इस्तीफा देने वालों में एनपीपी से अम्पारीन लिंगदोह, कॉमिंगोन यम्बोन, रक्कम ए. संगमा और अबू ताहिर मंडल शामिल हैं। यूडीपी से पॉल लिंगदोह और किरमेन शायला ने भी इस्तीफा दिया। एचएसपीडीपी से शकलियार वारजरी तथा भाजपा से ए एल हेक ने अपने पद छोड़े। इन इस्तीफों से मंत्रिमंडल में 8 सीटें खाली हो गईं। सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूर्व नियोजित थी, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इस्तीफे ने विपक्ष को सतर्क कर दिया है।

मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते है नए चेहरे

नए मंत्रिमंडल में एनपीपी से वैलादमिकी शायला, सोस्थनीस सोहतुन, ब्रेनिंग ए. संगमा और टिमोथी डी शिरा शपथ ले सकते हैं। यूडीपी से मेतबाह लिंगदोह और पूर्व मंत्री लखमेन रिम्बुई की एंट्री की उम्मीद है। एचएसपीडीपी में मेथोडियस दखार शकलियार वारजरी की जगह ले सकते हैं, जबकि भाजपा से सनबोर शुल्लई ए एल हेक के स्थान पर आ सकते हैं। यह फेरबदल गठबंधन दलों के बीच सत्ता बंटवारे को मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युवा नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की विकास योजनाओं पर फोकस बढ़ेगा। हालांकि, विपक्ष इसे 'अस्थिरता का संकेत' बता रहा है।