8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Election Commission of India: चुनाव आयोग ने जारी किया डाटा, भारत में वोटर्स की संख्या आई सामने, जानें क्या कहते हैं आंकड़ें

Election Commission: चुनाव आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 18-29 आयु वर्ग के 21.7 करोड़ युवा मतदाता हैं। वहीं, देश में वोटर्स का लैंगिक अनुपात 2024 में 948 से छह अंक बढ़कर 2025 में 954 हो गया है।

2 min read
Google source verification

Election Commission of India: भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां लगभग 140 करोड़ लोग अपने नेताओं का चुनाव करते हैं। यह लोकतंत्र संविधान पर आधारित है, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ था। भारतीय संविधान एक लिखित दस्तावेज है, जिसमें देश की शासन व्यवस्था, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य, और सरकार के विभिन्न अंगों के अधिकारों का निर्धारण किया गया है। भारत में लोकतंत्र का मुख्य स्तंभ चुनाव है, जिसमें हर नागरिक को अपनी आवाज उठाने का अधिकार होता है। आम चुनाव हर पांच साल में होते हैं, और इसमें चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष चुनावों को सुनिश्चित करने की होती है।

भारत के लोकतंत्र के तीन प्रमुख हिस्से

संसद (केंद्र सरकार)
राज्य विधानसभाएं
न्यायपालिका

लोकतंत्र का यह ढांचा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों को भी प्रेरित करता है। यहां सभी धर्म, जाति, भाषा और संस्कृति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और अपने अधिकारों का पालन करते हैं। हमारे देश में करोड़ो की संख्या में वोटर है और मतदाता दिवस से पहले चुनाव आयोग ने भारत में कुल मतदाताओं का डाटा जारी किया है। आइए जानते हैं भारत में वोटर्स कुल कितने वोटर्स है।

चुनाव आयोग क्या है?

चुनाव आयोग भारत का एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था है, जिसका मुख्य कार्य चुनावों के आयोजन और संचालन को नियंत्रित करना है। यह संस्था यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव सही, निष्पक्ष, और पारदर्शी तरीके से हों, और इसमें किसी भी तरह की धोखाधड़ी या पक्षपाती व्यवहार न हो। यह तीन सदस्यीय होता है, जिनमें से एक सदस्य मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) होते हैं। बाकी दो सदस्य चुनाव आयुक्त (Election Commissioners) होते हैं। यह सभी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

चुनाव आयोग के मुख्य कार्य

चुनाव की तारीखों की घोषणा: चुनाव आयोग यह तय करता है कि किसी राज्य या केंद्र सरकार के चुनाव कब होंगे।

मतदाता सूची का निर्माण और सुधार: यह सुनिश्चित करता है कि सभी योग्य नागरिकों के नाम मतदाता सूची में हों और नाम में कोई गलती न हो।

चुनाव प्रचार की निगरानी: यह संस्था यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव प्रचार निष्पक्ष हो, और उम्मीदवारों के बीच समान अवसर दिए जाएं। इसके तहत चुनावी खर्चों की सीमा, नफ़रत फैलाने वाले भाषणों और असंवैधानिक प्रचार की निगरानी की जाती है।

चुनाव परिणामों की घोषणा: चुनाव के बाद, चुनाव आयोग परिणामों की घोषणा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि परिणाम सही तरीके से सार्वजनिक किए जाएं।

राजनीतिक दलों का पंजीकरण: चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि सभी राजनीतिक दल पंजीकृत हैं और उनका संचालन संविधान और कानून के तहत हो रहा है।

सामने आया डाटा

भारतीय निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस से पहले एक बयान जारी करते हुए बताया है कि भारत में वोटर्स/मतदाताओं की संख्या अब 99.1 करोड़ हो गई है। साथ ही यह भी बताया है कि देश में वोटर्स लिस्ट युवा और लैंगिग तौर पर संतुलित दिख रही है। चुनाव आयोग के मुताबिक, भारत में 18-29 आयु वर्ग के 21.7 करोड़ युवा मतदाता हैं। वहीं, देश में वोटर्स का लैंगिक अनुपात 2024 में 948 से छह अंक बढ़कर 2025 में 954 हो गया है।

मतदाताओं में होगी बढ़ोतरी

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में जल्द ही एक अरब से ज्यादा मतदाता हो जाएंगे जो कि एक नया रिकॉर्ड बन जाएगा। आपको बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव का आयोजन 5 फरवरी को किया जाना है। 70 सीटोें पर होने वाले इस चुनाव का रिजल्ट 8 फरवरी को घोषित होंगे।

ये भी पढ़े: Delhi Election: केजरीवाल ने Amit Shah पर साधा निशाना, "दिल्ली आपकी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेगी"