
विश्व हिंदू परिषद की प्रयागराज महाकुंभ में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हर हिंदू परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करने का निर्णय हुआ। इसको लेकर देशभर में बड़ा अभियान चलाया जाएगा। बैठक में शामिल संतों ने हिंदू समाज में घटती जन्मदर पर चिंता जताते हुए अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की है। यह भी कहा गया कि अयोध्या के बाद अब मथुरा और काशी के मंदिरों की पूर्ण प्राप्ति पर फोकस होगा। 1984 के धर्म संसद में अयोध्या, मथुरा, काशी तीनों मंदिरों को लेकर पारित प्रस्ताव पर विहिप संकल्पबद्ध है।
बैठक में शामिल शीर्ष संतों ने दावा किया कि हिंदू समाज की जन्मदर घट रही है। लोग दो से भी कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। घटती जन्मदर का प्रमुख कारण हिंदू जनसंख्या में हो रहा असंतुलन भी है। हिंदू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में हर परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म होना चाहिए। मार्गदर्शक मंडल के संतों ने जनसंख्या संतुलन के लिए हिंदू समाज में जन्मदर को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विश्व हिंदू परिषद की इस शीर्ष बैठक में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने और नियंत्रण स्थापित करने वाले कानूनों को हटाने की जोर-शोर से मांग उठी। बैठक में कहा गया कि देश भर में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का जागरण अभियान प्रारंभ किया गया है। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बड़ी सभा से इस अभियान का शंखनाद किया जा चुका है। मंदिरों का प्रबंधन भक्तों को सौंपने की मांग की गई।
संघ परिवार में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ऐसी इकाई है, जिसके सुझावों के अनुरूप ही विश्व हिंदू परिषद कार्य करता है। बैठक में आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, महामंडलेश्वर विशोकानंद, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
Updated on:
25 Jan 2025 11:23 am
Published on:
25 Jan 2025 08:38 am
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