
EVM (Photo-IANS)
EVM recounting: पानीपत के बुआना लाखू गांव को नया सरपंच मिल गया है। मोहित कुमार को गांव का नया सरपंच घोषित कर दिया गया है। प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कुमार को सरपंच घोषित कर दिया है, लेकिन मोहित कुमार को यह जीत लंबी लड़ाई के बाद मिली है।
सुप्रीम कोर्ट में जीत मिलने के बाद मोहित कुमार ने कहा कि मैंने ज़िला अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। गांव वालों और अन्य लोगों ने मुझे यह कहते हुए हार मान लेने की सलाह दी कि 'कुछ नहीं होने वाला'। मोहित कुमार ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था।
हरियाणा में 2 नवंबर 2022 को पंचायत चुनाव हुए। बुआना लाखू के सरपंच पद के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में थे। 6 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। कुलदीप सिंह को 313 मतों के अंतर से विजेता घोषित कर दिया गया। तत्कालीन चुनाव अधिकारियों के मुताबिक कुलदीप के पक्ष में 3767 मतों में से 1117 मत आए, जबकि मोहित कुमार को 817 वोट मिले। कुमार ने परिणाम को चुनौती देते हुए आरोप लगाया कि बूथ संख्या 69 के पीठासीन अधिकारी ने गलती से उनके वोट कुलदीप सिंह के नाम पर दर्ज कर दिए थे। मोहित के विरोध दर्ज कराने पर पुनर्मतगणना हुआ। इसके बाद कुमार को 51 मतों के अंतर से विजेता घोषित कर दिया गया। अब इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी मतदान केंद्रों की पुनर्गणना का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इस मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, पानीपत, हरियाणा (वरिंदर दहिया) को निर्देश दिया जाता है कि वे सभी ईवीएम इस न्यायालय के रजिस्ट्रार, जिन्हें महासचिव द्वारा नामित किया जाएगा, उनके समक्ष 6 अगस्त को सुबह 10 बजे प्रस्तुत करें। नामित रजिस्ट्रार न केवल विवादित मतदान केंद्र, बल्कि सभी मतदान केंद्रों के मतों की पुनर्गणना करेंगे। पुनर्गणना की विधिवत वीडियोग्राफी की जाएगी'। सुप्रीम कोर्ट में हुई पुनर्गणना के बाद, कुमार को 1,051 मत मिले, जबकि सिंह को 1,000 मत मिले। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को कुमार को विजेत घोषित कर दिया।
पानीपत डीसी दहिया ने कहा कि अब तत्कालीन पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर विसंगति के लिए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इस मामले को लेकर एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह मामला अनजाने में हुई मानवीय भूल का नतीजा था। इसे पुनर्मतगणना के जरिए ठीक कर दिया गया था। नवंबर 2022 को उसी शाम को कुमार को विजेता घोषित कर दिया गया था। इसके बाद कुलदीप सिंह कोर्ट चले गए और मामला अटक गया। साथ ही, उसने जीत का सर्टिफिकेट लौटान से मना कर दिया।
इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ता आनंद मलिक ने कहा कि इसे ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है। इस मामले में EVM की कोई गलती नहीं थी, क्योंकि उम्मीदवारों को उतने ही वोट मिले जितने उसी दिन पुनर्गणना के बाद घोषित किए गए थे।
Published on:
16 Aug 2025 11:57 am
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