
Exclusive Interview: विशिष्ट वैज्ञानिक डॉ. वी.नारायणन ने मंगलवार को अंतरिक्ष विभाग के सचिव, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया। इससे पहले वह तिरुवनंतपुरम के वलियामाला में द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के निदेशक थे, जो इसरो के प्रमुख केंद्रों में से एक है। यहां प्रक्षेपण यानों में प्रयोग किए जाने वाले तरल ईंधन, सेमी-क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक चरण, उपग्रहों के लिए रासायनिक एवं इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली, रॉकेट की नियंत्रण प्रणाली आदि तैयार किए जाते हैं। इसके निदेशक के तौर पर नारायणन ने तकनीकी-प्रबंधकीय नेतृत्व प्रदान किया। इसरो 2025 तक की अपनी योजनाओं की रुपरेखा पहले ही तैयार कर चुका है। इसरो अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पत्रिका के राजीव मिश्रा से बात की। पेश है बातचीत के संक्षिप्त अंश…
इसरो देश का बहुत बड़ा संगठन है। इसका नेतृत्व विक्रम साराभाई समेत कई महान दूरदर्शी विभूतियों ने किया। उन्होंने इस संगठन को खड़ा किया। नेतृत्व की हर अगली पीढ़ी ने संगठन को मजबूत बनाया और देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि इसरो का नेतृत्व करने का अवसर मिला। यह बड़ी जिम्मेदारी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे दी है। मुझे पूरा भरोसा है कि टीम इसरो आने वाले दिनों में इस पोजिशन में होगी कि अपनी गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाएगी। हम इसरो को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे और देश के विकास में योगदान देंगे।
पहले से इसरो की कई परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। इन पर आगे काम होगा। इनमें गगनयान मिशन, चंद्रयान-4 मिशन, संचार उपग्रह और कई एप्लीकेशंस हैं। मैं अगले सप्ताह इस पर इसरो के वरिष्ठ सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा करूंगा। संभवत: सोमवार को बेंगलूरु में इस पर चर्चा होगी। उसके बाद सारी चीजें स्पष्ट होंगी।
इसमें मेरी प्राथमिकता जैसी कोई बात नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी नेता हैं। उन्होंने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए रोडमैप दिया है। इसमें अंतरिक्ष सुधार भी है और कई नए मिशन भी हैं। तमाम मिशन देश को विकसित बनाने के लिए हैं। हमारी कोशिश इन मिशनों को पूरा करना है, ताकि आजादी के 100 साल पूरे होने पर हम देश को विकसित बनाने में योगदान दे सकें।
अंतरिक्ष सुधार और नए स्टार्टअप्स का आइडिया प्रधानमंत्री लेकर आए। उन्होंने स्पष्ट विजन रखा है। अंतरिक्ष सुधार उसी के परिणाम हैं। इससे न सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, देश का विकास भी होगा। निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो बढ़ावा देता रहेगा।
इसी महीने के अंत तक एनवीएस-02 लॉन्च होगा, जो नेविगेशन उपग्रह है। उसके समानांतर गगनयान-1 और एलवीएम-3 मिशन पर भी काम चल रहा है। एलवीएम-3 वाणिज्यिक मिशन है। इससे अमरीका की एक कंपनी के उपग्रह लॉन्च होंगे। कई मिशन हैं। इसरो के लिए यह साल काफी व्यस्त रहने वाला है।
स्पेडेक्स चुनौतीपूर्ण मिशन है। हम इसके हर पहलू का गहराई अध्ययन कर रहे हैं। हम दोनों उपग्रहों को 15 मीटर तक करीब लाने में सफल हुए। इस तकनीक के मामले में हम विकास की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
Published on:
15 Jan 2025 09:06 am
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