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लेह हिंसा पर आया फारूख अब्दुल्ला का बयान, लोगों ने 5 साल बर्दाश्त किया, रोक नहीं पाए असंतोष

लेह हिंसा पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला का बयान आया है। उन्होंने कहा कि चिंगारी विद्रोह का स्वरूप ले, उससे पहले ही इसका समाधान निकाल लेना चाहिए। पढे़ं पूरी खबर...

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Farooq Abdullah

फारुख अब्दुल्ला (फोटो-IANS)

Leh Violence: लेह में हुई हिंसा पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने कहा कि हिंसा का कारण यह था कि पर्यावरणविद सोनम वांगचुक 14 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। 5 साल से वे और लद्दाख के लोग चुपचाप विरोध कर रहे हैं कि उन्हें छठी अनुसूची में सूचीबद्ध किया जाए और राज्य का दर्जा भी दिया जाए। यहां तक कि उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लेह से दिल्ली तक नंगे पैर पैदल यात्रा भी की।

असंतोष रोक नहीं पाए, चुना हिंसा का रास्ता

पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि युवाओं ने शायद सोचा होगा कि 5 साल पहले किए गए सारे वादे खोखले थे। इसके कारण वे अपना असंतोष नहीं रोक पाए और हिंसा का रास्ता चुन लिया। उन्होंने भाजपा कार्यालय, पुलिस वाहन और कई अन्य इमारतों को जला दिया। पुलिस को बंदूकों का इस्तेमाल करना पड़ा और रिपोर्टों के अनुसार, 4 लोग मारे गए हैं और कई गंभीर हैं। 60-80 लोग घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है।

सीमावर्ती राज्य में इस तरह की घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

उन्होंने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य में इस तरह की घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है, खासकर जब चीन हमेशा देश को अस्थिर करने की कोशिश करता रहता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने मोदी सरकार से इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसी भी चिंगारी से विद्रोह भड़कने करने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

क्यों भड़की हिंसा?

लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा शांतिपूर्ण प्रदर्शन बीते बुधवार को हिंसक हो गया। लेह शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 22 पुलिसकर्मी शामिल हैं। कुछ रिपोर्टों में घायलों की संख्या 80 से अधिक बताई गई है।

बीजेपी कार्यालय में लगाई गई आग

हिंसा के दौरान बीजेपी कार्यालय और एक CRPF वाहन को आग लगा दी गई। लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है और चार या अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेह में हालात तनावपूर्ण है। प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

हिंसा के पीछे कौन?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने हिंसा के लिए लोगों को उकसाया। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वांगचुक ने प्रदर्शन के दौरान अरब स्प्रिंग, बांग्लादेश और नेपाल के जेन-जी आंदोलन का जिक्र कर युवाओं को भड़काया।