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Maharashtra Day: कर्नाटक के मराठी भाषी गांव महाराष्ट्र में शामिल करने तक जारी रही लड़ाई- अजित पवार

Maharashtra Day: महाराष्ट्र के स्थापना दिवस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्रों को शामिल करने की मांग को फिर से दोहराया है। इसके साथ ही कहा है कि वो इस लड़ाई का समर्थन करते रहेंगे।

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Mahima Pandey

May 01, 2022

Fighting continues till last village reaches Maharashtra, Ajit Pawar

Fighting continues till last village reaches Maharashtra, Ajit Pawar

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र के स्थापना दिवस के अवसर पर पुणे शहर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के मराठी भाषी सीमावर्ती इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने की लड़ाई को जारी रखने की भी बात कही और कर्नाटक सरकार को फटकार भी लगाई है।

अजित पवार ने कहा, "हम महाराष्ट्र की स्थापना के 62 वर्ष मना रहे हैं लेकिन इस बात का दुख है कि कर्नाटक के बिदर, भालकी, बेलगाम, करवार, निप्पाणी और अन्य मराठी भाषी क्षेत्रों का विलय महाराष्ट्र में नहीं हो सका। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान देखे गए बेलगाम, कारवार, निपानी, बीदर और भालकी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के सभी मराठी गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने का सपना अभी भी अधूरा है और हमारी लड़ाई आखिरी तक जारी रहेगी। मैं आश्वासन देता हूँ कि हम उनकी लड़ाई को तक तब समर्थन देना जारी रखेंगे जब तक ये गाँव महाराष्ट्र में शामिल नहीं हो जाते।"

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य के लोगों को महाराष्ट्र दिवस और मजदूर दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भाग लेने वाले महाराष्ट्र नायकों द्वारा किए गए बलिदान के लिए आभार व्यक्त किया और संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के शहीद नायकों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र का संघर्ष का इतिहास रहा है। महाराष्ट्र को कुछ भी आसानी से नहीं मिला। महाराष्ट्र ने हर चीज के लिए संघर्ष किया है।'

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बता दें कि महाराष्ट्र ये दावा करता है कि बिदर, भालकी, बेलगाम, और करवार जैसे कुछ इलाके जो कर्नाटक में हैं वो महाराष्ट्र का हिस्सा हैं क्योंकि यहाँ के लोग मराठी भाषी हैं। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी भी चल रहा है। अक्सर इन इलाकों को लेकर दोनों राज्यों के बीच तकरार देखने को मिलती रही है।