
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- Patrika)
केरल में जेल के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) भ्रष्टाचार के मामले में बुरी तरह से फंस गए हैं। विजिलेंस और एंटी-करप्शन ब्यूरो ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। इसमें डीआईजी एमके विनोद कुमार के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की गई है।
विनोद के खिलाफ राज्य सरकार के विजिलेंस-एंटी-करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विनोद अगले रिटायर होने वाले हैं। डीआईजी पर कैदियों से रिश्वत लेने का आरोप है।
बताया जा रहा है कि विनोद कैदियों को पैरोल दिलाने और जेल के अंदर उनके द्वारा गैर-कानूनी काम किए जाने पर उनकी मदद करते थे।
यहां तक कि डीआईजी कैदियों द्वारा जेल में ड्रग्स और शराब की तस्करी किए जाने का भी समर्थन करते थे। आरोप है कि वनोद इस काम के बदले कैदियों से मोटी रकम लेते थे।
सूत्रों के हवाले से यह बताया गया कि राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में अधिकारी के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की गई हैं। अधिकारी और उनकी पत्नी के बैंक खातों के जरिए बड़े पैमाने पर कैश ट्रांजैक्शन का जिक्र किया गया है।
दोनों के खातों में पिछले एक साल में लगभग 1.5 करोड़ रुपये आए। विजिलेंस ने खुफिया रिपोर्टों के आधार पर अधिकारी के खिलाफ शुरुआती जांच की, जिसमें अधिकारी की ओर से बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का संकेत मिला था।
सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कैदियों से उनके पैरोल की अवधि बढ़ाने के साथ-साथ जेलों में प्रतिबंधित सामान की तस्करी में मदद करने के लिए अलग-अलग रकम कैश में ली थी।
एक बड़े अधिकरी ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विनोद एक कट्टर सीपीएम समर्थक हैं, वे 2014 में विय्यूर हाई सिक्योरिटी जेल में हुई एक घटना के बाद पार्टी नेतृत्व के करीब आ गए थे। तब टी पी चंद्रशेखरन हत्याकांड के नौ दोषियों को कथित तौर पर वहां प्रताड़ित किया गया था।
हैरानी की बात यह है कि उन्होंने टीपी मर्डर केस के आरोपियों से भी रिश्वत ली, जिसके बारे में सूत्रों ने दावा किया कि यह जेलों के अंदर उनके ड्रग्स और शराब के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए थी।
सूत्रों ने आगे बताया कि विनोद के कनेक्शन की वजह से ही जेल विभाग ने अभी तक उसके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है। हालांकि, विजिलेंस द्वारा उसकी तरफ से गंभीर दुर्व्यवहार की रिपोर्ट भेजने और तुरंत कार्रवाई की सिफारिश करने के बाद सरकार जल्द ही कार्रवाई कर सकती है।
Published on:
22 Dec 2025 11:51 am
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