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माफी भी नहीं आई काम! CSDS संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज, महाराष्ट्र को लेकर दिए थे गलत आंकड़े

FIR Against Sanjay Kumar: महाराष्ट्र चुनाव के गलत आंकड़े पेश करने के संबंध में नागपुर पुलिस ने विकासशील समाज अध्ययन केंद्र (सीएसडीएस) के चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज की है।

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लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक और मतदान विशेषज्ञ संजय कुमार (फाइल फोटो)

FIR Against Sanjay Kumar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर गलत जानकारी फैलाने के आरोप में लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक और मतदान विशेषज्ञ संजय कुमार के खिलाफ नागपुर और नासिक में FIR दर्ज की गई है। संजय कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि रामटेक और देवलाली विधानसभा क्षेत्रों में 2024 लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में 36-38% की कमी आई। इस पोस्ट को बाद में गलत बताते हुए हटा लिया गया और माफी मांगी गई, लेकिन मामला तूल पकड़ गया।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला

नागपुर पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ भादंसं की धारा 175, 353(1)(b), 212 और 340(1)(2) के तहत मामला दर्ज किया। नासिक के जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी देवलाली के लिए गलत डेटा फैलाने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की। पोस्ट में दावा किया गया था कि रामटेक में मतदाता 4,66,203 से घटकर 2,86,931 और देवलाली में 4,56,072 से 2,88,141 हो गए। संजय ने मंगलवार को माफी मांगते हुए कहा कि उनकी डेटा टीम ने 2024 लोकसभा और विधानसभा डेटा की तुलना में गलती की।

राजनीतिक तीखी प्रतिक्रिया

बीजेपी ने संजय कुमार पर कांग्रेस का पक्ष लेने का आरोप लगाया। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीया ने कहा कि संजय ने कांग्रेस के वोट चोरी के दावों को बढ़ावा देने के लिए गलत डेटा फैलाया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी गलत बयानबाजी का आधार गलत डेटा था। दूसरी ओर, कांग्रेस ने दावा किया कि उनकी शिकायतें आधिकारिक निर्वाचन आयोग डेटा पर आधारित थीं, न कि केवल सीएसडीएस के आंकड़ों पर।

चुनाव आयोग का जवाब

निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के "वोट चोरी" के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये निराधार हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल को सात दिनों में शपथ पत्र देने या माफी मांगने को कहा। इस विवाद ने महाराष्ट्र चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, और संजय कुमार की गलती ने डेटा अखंडता और निष्पक्षता पर बहस छेड़ दी है।