24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला अस्पताल में भर्ती, जानें अब ​कैसी है तबीयत

Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पेट में संक्रमण के चलते अस्पताल ले भर्ती कराया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेताओं के अनुसार, वे जल्द अस्पताल से बाहर आ जाएंगे।

2 min read
Google source verification
Farooq Abdullah

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Photo-ANI)

Farooq Abdullah Admitted to Hospital: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को पेट में संक्रमण के चलते शनिवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला को इस सप्ताह की शुरुआत में पेट में संक्रमण हो गया था। उन्हें इलाज के लिए श्रीनगर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेताओं के अनुसार, वरिष्ठ नेता जल्द ही अस्पताल से बाहर आ जाएंगे, क्योंकि उनके स्वास्थ्य में सुधार बताया जा रहा है।

बीते कुछ दिनों से चल रहे थे बीमार

87 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पिता हैं। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेताओं के अनुसार, अब्दुल्ला पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थे, लेकिन अब उनकी हालत बेहतर हो रही है। उन्हें आज या कल छुट्टी मिलने की संभावना है।

लद्दाख पर फारूक अब्दुल्ला

आपको बता दें कि बीते गुरुवार को ही फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि केंद्र को लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनके साथ बातचीत करनी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी लेह में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हुई हिंसा के ठीक एक दिन बाद आई थी। मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि यह (लद्दाख) एक सीमावर्ती राज्य है। चीन घात लगाए बैठा है, उसने जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसे जल्द से जल्द सुलझाने का समय आ गया है। सरकार को बातचीत करके इसे सुलझाना चाहिए।

हिंसा के लिए सोनम वांगचुक जिम्मेदार नहीं

जब उनसे हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराने के बारे में पूछा गया, तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शांति कार्यकर्ता जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने (वांगचुक) कभी गांधीवादी रास्ता नहीं छोड़ा। युवाओं ने आज उन्हें दरकिनार कर दिया है। इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। जब वे (भाजपा) चुनाव हार गए, तो उन्होंने सुरक्षा कानून लागू कर दिया और लोगों को जेल में डाल दिया। अब वे सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। जितना ज्यादा वे दमन के लिए बल का इस्तेमाल करेंगे, खतरा उतना ही बढ़ेगा। मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि बल का इस्तेमाल न करें और बातचीत करें।