
Senior Advocate Harish Salve interview on Cash recovery case
Cash Recovery Case: दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश (Delhi High Court Justice Yashwant Verma) से जुड़े घर में कथित नकदी प्रकरण पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे (Harish Salve) ने कहा कि इस तरह के आरोप न्यायपालिका में जनता के विश्वास को डिगा देते हैं। साल्वे ने इसे चेतावनी की घंटी बताते हुए कहा कि जजों की नियुक्ति की जो प्रणाली 'आज हमारे पास है, वह बेकार है।'
हरीश साल्वे : मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घटना से तबादले का कोई लेना-देना नहीं है। यह सच हो सकता है या सच नहीं भी। सुबह से हमने जो कुछ भी सुना है, उस पर विश्वास करना मुश्किल है। उनका तबादला निलंबित कर जांच का आदेश दिया जाए।
हरीश साल्वे : मुझे यकीन है कि वह कुछ दिन की छुट्टी लेंगे। सुप्रीम कोर्ट को मामले में जांच का आदेश देना चाहिए। और मैं एक क्रांतिकारी सुझाव दे रहा हूं, जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट को तीन सदस्यीय जांच समिति बनानी चाहिए जिसमें एक न्यायाधीश और दो बाहरी लोग शामिल हों।
हरीश साल्वे : क्या उनके घर से कोई पैसा (Justice Yashwant Verma) बरामद हुआ था? फायर चीफ का कहना है कि कोई पैसा बरामद नहीं हुआ। अगर उनके घर से वाकई पैसा बरामद हुआ था, तो समिति उन्हें दोषी पाएगी… और फिर देश का कानून अपना काम करेगा। लेकिन, अगर आरोप सच नहीं हैं, तो इन रिपोर्टों को किसने प्लांट किया, इसकी पूरी तरह से जांच की जरूरत है।
हरीश साल्वे : मुझे यकीन है कि अगर स्वतंत्र जांच में उन पर आरोप साबित होते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे। मैंने कभी किसी हाई कोर्ट जज के घर से नकदी बरामद होने की इतनी बदसूरत कहानी नहीं सुनी है।
हरीश साल्वे : बिल्कुल। इस तरह की घटनाएं एक चेतावनी की घंटी हैं कि आज जो व्यवस्था है वह बेकार है। आज 1960, 70 और 80 का दशक नहीं है, जब खबर आने में कई-कई सप्ताह लग जाते थे। सोशल मीडिया का युग है। 15 मिनट में वीडियो हो जाते हैं। दुनिया जानती है कि 15 मिनट पहले आपके घर में क्या हुआ था। खबर वायरल हो जाती है। इसलिए हमें इससे निपटना होगा।
हरीश साल्वे : अगर आरोप सही हैं, तो तबादला गलत है। अगर वह दिल्ली हाई कोर्ट में जज बनने के लायक नहीं है, तो इलाहाबाद में कैसे रहने लायक है?
Updated on:
22 Mar 2025 09:56 am
Published on:
22 Mar 2025 08:20 am
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