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एयर डेक्कन ने इंडिगो की मूल कंपनी पर लगाया बर्बाद करने का आरोप; इंडिगो के कारण बेचनी पड़ी थी कम लागत वाली कंपनी

Air Deccan Accuses IndiGo Parent Company: एयर डेक्कन भारत की कम लागत वाली एयरलाइन थी। कंपनी के संस्थापक गोपीनाथ ने इंडिगो पर बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि इंडिगो की मूल कंपनी ने उन्हें बर्बाद कर दिया है। इंडिगो की मूल कंपनी द्वारा बनाए गए आईटी सिस्टम बार-बार ठप हो रहे थे।

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भारत

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Kuldeep Sharma

Dec 12, 2025

इंडिगो की फ्लाइट। (फोटो- x/Indigo)

India First Low Cost Airline: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में इंडिगो की हजारों फ्लाइटें रद्द होने के कारण उसे कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा था। अब इसमें एक और कड़ी जुड़ने जा रही है। हाल ही में देश की पूर्व में रही कम लागत वाली एयरलाइन के संस्थापक ने इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पर तोड़फोड़ के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इंटरग्लोब एविएशन ने उन्हें बर्बाद कर दिया था। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के द्वारा बनाए गए आईटी सिस्टम बेकार क्वालिटी के थे। सिस्टमों के बार-बार ठप होने के कारण तोड़फोड़ तक हुई थी। इसके साथ ही एयर डेक्कन की फ्लाइटें भी रद्द हुई थीं और एयर डेक्कन के यात्री इंडिगो एयरलाइन से यात्रा करने लगे।

एयर डेक्कन विजय माल्या के हाथों में

लोगों को कम खर्च के साथ हवाई यात्रा कराने का सपना लेकर आए आर. गोपीनाथ को अपनी कंपनी बेचनी पड़ी थी। गोपीनाथ ने एयर डेक्कन की शुरुआत 2003 में की थी। इसके बाद कंपनी में आई दिक्कतों के चलते कंपनी को भारी नुकसान होने लगा था। इस बीच कंपनी के ऊपर निवेशकों का भी दबाव बढ़ता जा रहा था। कंपनी की वित्तीय स्थिति के कमजोर होने के कारण कंपनी को विजय माल्या को बेचना पड़ा था। एयर डेक्कन को 2008 में बेचा गया था। उस समय विजय माल्या की एयरलाइन किंगफिशर का भी हवाई यात्राओं में दबदबा था।

इंडिगो की पैरेंट कंपनी पतन का कारण बनी

आर. गोपीनाथ के द्वारा 2003 में शुरू की गई एयर डेक्कन के पतन का कारण इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन बनी थी। कंपनी के संस्थापक गोपीनाथ ने दावा किया था कि इंटरग्लोब एविएशन ने उन्हें खराब आईटी सिस्टम दिए थे, जिसके चलते कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इन सिस्टमों में बार-बार खराबी आने के कारण सिस्टम ठप हो जाते थे। इसके कारण यात्रियों को परेशानी होने लगी और इसके बाद लोगों ने दूसरी एयरलाइन की तरफ जाने का निश्चय किया, जिसमें इंडिगो भी शामिल है। इसके बाद कंपनी को बेचना ही उचित समझा गया।

एक रुपये में हवाई यात्रा का सपना

आर. गोपीनाथ, भारतीय सेना में अपना योगदान दे चुके हैं। उन्होंने सेना में सैनिक के रूप में अपना कार्यभार संभाला था। गोपीनाथ ने 28 साल की उम्र में सेना से रिटायर होने के बाद लोगों को किफायती हवाई यात्रा कराने का सपना देखा था। उन्होंने 1 रुपये में हवाई यात्रा कराने के विज्ञापन भी चलाए थे। साथ ही कुछ सीटें 1 रुपये में भी बेचीं थीं। उन्होंने अपनी एयरलाइन में पहले आओ और पहले पाओ की नीति भी अपना रखी थी, जहां पहले आने वाले यात्री को कम दाम में टिकट मिलते थे और बाद में आने वाले को ज्यादा दाम में टिकट मिलते थे। लेकिन कम कीमत में हवाई यात्रा का उनका सपना सफल नहीं हो पाया और बाद में एयरलाइन को भारी नुकसान के चलते बेचना पड़ा था।