
Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों और मॉड्यूल की पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने लिए दुनियाभर में 48 बैकअप पॉइंट्स की पहचान की है। ये बड़े जल क्षेत्र हैं, जहां अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित उतारा जा सकता है। इसरो के मुताबिक वैसे अरब सागर इसके लिए आदर्श स्थल है, लेकिन यहां कोई समस्या होने पर दूसरे पॉइंट्स को भी विकल्प के तौर पर चुना जा रहा है। भारतीय एजेंसियां लैंडिंग साइट पर तैनात रहेंगी।
दुनियाभर में बैकअप पॉइंट्स चिह्नित
गगनयान मिशन से जुड़े इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी भी मिशन में आदर्श परिदृश्य होता है। यदि वह हासिल नहीं होता है तो बैकअप योजनाएं होती हैं। गगनयान मिशन में अगर सब कुछ सही रहा तो हम मॉड्यूल को भारतीय जल सीमा में उतारने में सक्षम होंगे, लेकिन चूंकि यह मानव अंतरिक्ष उड़ान है, हम अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते। हमने संभावित बिंदुओं को चिह्नित किया है, जहां कैप्सूल उतर सकता है।
बंगाल की खाड़ी पर भी किया गया गौर
इसरो का कहना है कि मिशन में मामूली बदलाव से भी कैप्सूल सैकड़ों किलोमीटर दूर उतर सकता है। इसी को देखते हुए फुलप्रूफ बैकअप प्लान बनाया जा रहा है। शुरुआत में लैंडिंग स्थल के रूप में अरब सागर के अलावा बंगाल की खाड़ी पर भी विचार किया गया था। बंगाल की खाड़ी के अशांत पानी और अप्रत्याशित मौसम को देखते हुए दूसरे विकल्पों को बैकअप योजना में शामिल किया गया।
तीन दिन का मिशन
गगनयान मिशन भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान परियो जना है। इसका मकसद चार अंतरिक्ष यात्रियों के दल को तीन दिन के लिए पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में लॉन्च कर उन्हें सुरक्षित वापस लाना है।
Published on:
06 Mar 2024 07:23 am
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