
गोवा नाइट क्लब आग प्रकरण से संबंधित लूथरा बंधु। ( फोटो: X Handle/ Lone Wolf Adda.)
Goa Night club fire: सीबीआई ने हाल ही में दिल्ली के उद्यमी सौरभ और गौरव लूथरा (Luthra Brothers) के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस (Blue Corner Notice) जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है। यह मामला उत्तर गोवा के एक नाइटक्लब में आग (Goa Night club fire) से संबंधित है। आग लगने के कुछ घंटों बाद ही लूथरा भाइयों ने थाईलैंड के फुकेट के लिए उड़ान भर ली थी। अब सीबीआई इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराने पर जोर दे रही है, ताकि लूथरा भाई किसी अन्य देश न भाग सकें और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। ध्यान रहे कि गोवा नाइटक्लब आग में 25 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 20 कर्मचारी और 5 पर्यटक थे। इन पांच पर्यटकों में से चार दिल्ली के एक ही परिवार के सदस्य थे।
ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल की ओर से जारी एक सूचना है, जो सदस्य देशों को किसी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी इकट्ठी करने में मदद करती है। ध्यान रहे कि यह गिरफ्तारी का आदेश नहीं होता, बल्कि किसी व्यक्ति की पहचान, ठिकाने या गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने में सहायता करता है। इसके विपरीत, रेड कॉर्नर नोटिस तब जारी किया जाता है जब किसी अपराधी को गिरफ्तार कर उसका प्रत्यर्पण करने की जरूरत होती है।
सीबीआई के ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने पिछले कुछ बरसों के दौरान 200 से ज्यादा भगोड़े अपराधियों का पता लगाया है और उनमें से वह 136 अपराधियों को प्रत्यर्पित या निर्वासित कर वापस लाया है। अधिकारियों का कहना है कि लूथरा भाइयों को वापस लाने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करवाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकिलूथरा भाइयों को दूसरे देशों में छिपने से रोका जा सके।
गौरतलब है कि भारत और थाईलैंड के बीच 2015 से एक औपचारिक प्रत्यर्पण संधि है और दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में सहयोग काफी बढ़ा है। थाईलैंड से कई भगोड़ों को पहले भी भारत लाया जा चुका है, जिससे सीबीआई को विश्वास है कि लूथरा भाई भी जल्द भारत लौट आएंगे। सीबीआई अधिकारी गोवा की अदालत से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं और थाईलैंड के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किया जा सके।
ब्लू कॉर्नर नोटिस का मामला यह है कि अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में भाग जाता है तो अन्य देशों को उसकी गतिविधियों, ठिकाने या पहचान के बारे में सूचना दी जाती है। इसके अलावा इंटरपोल के माध्यम से सभी देशों को एक-दूसरे से अपराधों के बारे में जानकारी शेयर करने का अवसर मिलता है। यह प्रक्रिया उन मामलों में बहुत महत्वपूर्ण होती है, जहां अपराधी घटना के तुरंत बाद देश छोड़ कर भाग जाते हैं, जैसा गोवा अग्निकांड में हुआ।
Published on:
09 Dec 2025 07:18 pm
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