आतंकवादियों की मदद करता था पुलिस का जवान पुलवामा जिले के त्राल का रहने वाला पुलिस कांस्टेबल अब्दुल रहमान डार न केवल आतंकवादियों को डिलीवरी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर अवैध हथियार और गोला-बारूद ले जाने के अपराध में शामिल था, बल्कि पुलिस बल का सदस्य होने का लाभ उठाते हुए उन्हें नकली वर्दी का कपड़ा और अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराता था। जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल गुलाम रसूल भट्ट भी आतंकवादियों को डिलीवरी के लिए अवैध हथियार और गोला-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के अपराध में शामिल है। त्राल के लालगाम निवासी गुलाम रसूल भट्ट, जावेद हैदर भट्ट का बेटा है।
आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य था शिक्षक शिक्षा विभाग में शिक्षक शब्बीर अहमद वानी जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) का सक्रिय सदस्य रहा है। यह एक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन है। इसका एक आतंकवादी संगठन के साथ गहरा संबंध है। शब्बीर अहमद वानी कुलगाम जिले का निवासी है और मोहम्मद अशरफ वानी का बेटा है। उसने जेईआई को मजबूत करने और जेईआई के लिए लोगों का एक नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आतंकियों के लिए काम करता था लाइनमैन वहीं जल शक्ति विभाग में सहायक लाइनमैन अनायतुल्ला शाह पीरजादा एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल-बद्र मुजाहिदीन का आतंकवादी सहयोगी/ओजीडब्ल्यू है। वह जिला बारामूला के निवासी अब्दुल रशीद शाह पीरजादा का बेटा है।इसने आतंकवादियों के एजेंडे का समर्थन करने के लिए कई तरह का काम गुप्त रूप से किया है। उसका यूसुफ बलूच और तमीम जैसे खूंखार आतंकवादियों से सीधा संबंध था। यह कश्मीर में अलग-अलग समय पर सक्रिय अल-बद्र मुजाहिदीन के कमांडर थे। बर्खास्तगी आदेश में कहा गया है कि सरकार ने राष्ट्र विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।