मेट्रो सिटीज में मांगी जानकारी
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इन डिलीवरी ऐप्स (Delivery apps) का मीडियन डिलीवरी टाइम मांगा गया है। अधिकारी ने बताया कि 10 मिनट में डिलीवरी की वादा सही पाया गया तो ठीक, लेकिन अगर कंपनियां अपने दावों को सही ठहराने में विफल रहती हैं तो उन्हें अपने विज्ञापन में बदलाव करना होगा। हालांकि अधिकारी का यह भी कहना है कि अगर मीडियन टाइम 14 मिनट भी आए जाए तो इन कंपनियों को राहत दी जा सकती है। डिलीवरी टाइम 13-14 मिनट से अधिक होने पर कंपनियों को अनिवार्य रूप अपना विज्ञापन बदलना होगा।
कंपनियों की ओर से कई जवाब नहीं
ब्लिंकिट (Blinkit) , स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart), जेप्टो (Zepto) और बिग बास्केट, BigBasket, बीबी नाउ (BB Now) ने इस मामले में सवाल किए जाने पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। इसके अलावा सीसीपीए और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की तरफ से भी कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। पर मीडिया रिपोट्र्स में सरकार की ओर से कंपनियों को सर्कुलर भेजने का दावा किया गया है। 10 मिनट से कम समय में डिलीवरी के फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी। कहा गया कि इससे डिलीवरी करने वाले शख्स और सडक़ पर चलने वाले आम आदमी दोनों को खतरा हो सकता है।