
त्योहारों पर बरसात का असर! भिलाई में झमाझम बारिश, अगले सात दिन तक मौसम विभाग की चेतावनी...(photo-patrika)
La Nina may bring colder winter to north India: देश में मानसून सीजन में रेकार्ड बारिश (Monsoon Record Heavy Rain) के बाद इस साल सर्दी भी कड़ाके की पडऩे वाली है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने मौसम विज्ञान विभाग और वैश्विक जलवायु मॉडल्स के हवाले से कहा है कि दिसंबर से फरवरी के बीच ला-नीना (La Nina Effect) की वापसी को देखते हुए उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ने की पूरी संभावना है।
इसके साथ ही मानसून की अतिरिक्त बारिश से वायुमंडल में नमी बढ़ी है, जो देश में सर्दियों में उत्तर-पश्चिमी हवाओं व पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर तापमान को रिकॉर्ड निचले स्तर पर धकेल सकती है।
देश में इस साल मानसून में मौसम विभाग की भविष्यवाणी से भी अधिक 108 फीसदी तक बारिश हुई। पोस्ट मानसून अभी भी देश में कई जगह बारिश कर रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार वर्तमान में स्थितियां सामान्य हैं, लेकिन मानसून की पूरी तरह विदाई के बाद अब ला-नीना के नए दौर की संभावना बढ़ जाएगी। IMD के मॉडल अक्टूबर-दिसंबर में ला-नीना विकसित होने की 50 प्रतिशत से अधिक संभावना दिखा रहे हैं जबकि अमरीका के नेशनल वेदर सर्विस सेंटर ने इसकी प्रबल संभावना बताई है।
Shakti Toofan: देश में अभी भी भारी बारिश और तूफानों का दौर थमा नहीं है। आइएमडी ने चक्रवाती तूफान 'शक्ति' और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से देश के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। शनिवार सुबह तूफान की गति करीब 18 किमी प्रति घंटे तक रही। तूफान गुजरात के द्वारका से 420 किमी दूर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
Heavy Rain Alert for Rajasthan, Gujaratand Maharashtra: 5 अक्टूबर तक उत्तर-पश्चिम अरब सागर में रहेगा, फिर 6 अक्टूबर से पूर्वोत्तर की ओर मुड़कर धीरे-धीरे कमजोर होगा। चक्रवात के प्रभाव से गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। एक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ में 5 से 7 अक्टूबर तक राजस्थान व दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में भारी बारिश व ओलावृष्टि की संभावना रहेगी।
ला नीना प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय हिस्से में समुद्री सतह के तापमान के सामान्य से अधिक ठंडा होने की स्थिति है। प्रशांत महासागर का तापमान पहले ही सामान्य से ठंडा है। यदि यह -0.5 डिग्री से नीचे तीन माह तक बना रहता है, तो इसे ला-नीना घोषित किया जाएगा। ला-नीना के कारण निचले स्तर की चक्रीय हवाएं उत्तरी अक्षांशों से ठंडी हवा भारत की ओर खींच लाएगी। जिससे पारा तेजी से नीचे गिर जाता है। इस पैटर्न का असर भारत समेत पूरी दुनिया के मौसम पड़ेगा। ला-नीना भारत में असामान्य ठंड, शीतलहर और भारी बर्फबारी का कारण बना है।
आइआइएसइआर मोहाली और ब्राजील के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च के संयुक्त शोध में ला-नीना बनने की संभावना के साथ यह चेतावनी दी गई है।
-हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी सामान्य से अधिक होगी। हिमालय रेंज व ऊंचे इलाकों में अधिक ठंड रहेगी। रात का पारा माइनस 5 से माइनस 15 डिग्री या इससे भी नीचे जा सकता है।
-मैदानी इलाकों (उत्तर व उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र) में न्यूनतम तापमान जीरो से माइनस 5 डिग्री तक पहुंच सकता है। ठंडी हवाओं का लंबा दौर।
'ला-नीना के दौरान भारत में सर्दियां सामान्य से ज्यादा ठंडी हो जाती हैं। इस बार अच्छी बारिश से हुई नमी ने इस संभावना को बढ़ा दिया है।'
राधेश्याम शर्मा, निदेशक, आइएमडी जयपुर
दिसंबर-2010 में दिल्ली का अधिकतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंचा। यह उस समय 100 सालों में सबसे ठंडा दिन रहा।
जनवरी 2017- उत्तर भारत में ठंडी लहर। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान माइनस 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
2022-23 दिसंबर की सर्दी भारत की सबसे ठंडी सर्दियों में से एक रही। औसत न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
दिसम्बर 2024- दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। उस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा।
Published on:
05 Oct 2025 07:15 am
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