भारत आईटी उद्योग का चहेता, रिलायंस से मिलकर करेंगे काम
मुंबई में एनवीडिया एआई समिट 2024 में हुआंग ने कहा कि भारत दुनिया के कंप्यूटर उद्योग के लिए बहुत प्रिय है, आईटी उद्योग की धुरी है, दुनिया की लगभग हर एक कंपनी के आईटी के केंद्र और मूल में है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे विश्व के पहले राष्ट्रीय नेता थे जिन्होंने छह साल पहले उनसे एआई पर अपनी कैबिनेट को संबोधित करने का आग्रह किया। हुआंग ने कहा है कि देश में इस वर्ष कंप्यूटर क्षमताओं में 20 गुना वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एनवीडिया भारत में एआई बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के साथ साझेदारी कर रही है। हुआंग ने कहा कि सॉफ्टवेयर निर्यात का केंद्र भारत भविष्य में एआई का निर्यात करेगा। यह पढ़ें-
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अंबानी ने बताया एनवीडिया का अर्थ ‘विद्या’, हंस कर बोले हुआंग-मैंने सही नाम रखा
एनवीडिया समिट में अंबानी और हुआंग के बीच बातचीत हुई। बातचीत में हल्के-फुल्के क्षण भी आए। अंबानी ने एनवीडिया कंपनी के नाम को लेकर एक अलग नजरिया देते हुए कहा कि मेरे लिए एनवीडिया का मतलब ‘विद्या’ शब्द से मिलता-जुलता है, जिसका मतलब ‘ज्ञान’ होता है, जिसकी देवी सरस्वती है। जब कोई ज्ञान की देवी की आराधना करता है, तो समृद्धि की देवी लक्ष्मी अपने आप आती है। इस पर हुआंग ने हंसते हुए जवाब दिया, ‘मुझे पता था कि 22 साल पहले मैंने कंपनी का सही नाम रखा था।’ जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में हुए सम्मेलन में मुकेश अंबानी ने हुआंग को जियो और भारत की क्षमताओं से अवगत करवाया तो प्रभावित हुए हुआंग ने टिप्पणी की कि मुकेश 20 साल के इंजीनियर की तरह बातें कर रहे हैं।
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प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़ती आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ी आशंकाओं पर हुआंग ने जोर देकर कहा कि एआई नौकरी नहीं छीनेगी। लेकिन जो व्यक्ति किसी काम को बेहतर ढंग से करने के लिए एआई का उपयोग करता है, वह नौकरी झपटने जैसा जरूर हो जाएगा।
छोटी कंपनियों के लिए फायदेमंद
भारत में केवल 10 प्रतिशत लोग अंग्रेजी बोलते हैं, इसलिए कंपनियां हिंदी और अन्य भाषाओं में एआई मॉडल बना रही हैं। स्मॉल लैंग्वेज मॉडल, लार्ज मॉडलों से अलग, छोटे और खास डाटासेट पर प्रशिक्षित होते हैं। ये सस्ते भी होते हैं, जिससे वे छोटी कंपनियों के लिए फायदेमंद हैं। टेक महिंद्रा ने इस मॉडल का उपयोग कर ‘इंडस 2.0’ एआइ मॉडल विकसित किया, जो हिंदी और उसकी बोलियों पर केंद्रित है।