11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हिन्दू बच्चों को सिखाई जा रही थी नमाज, लगवाए जा रहे थे ‘या हुसैन’ के नारे, वीडियो वायरल होने के बाद बवाल 

Gujrat: वडोदरा के डभोई तालुका के करनाली आंगनवाड़ी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें छोटे बच्चों को ईद मनाने और स्कूल के समय नमाज अदा करने के बारे में सिखाया जा रहा है।

2 min read
Google source verification

आंगवाड़ी केंद्रों में हिन्दू बच्चों को नमाज पढ़वाने, ईद मनाने और या हुसैन के नारे लगवाने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक गुजरात के जामनगर और वडोदरा के आंगनवाड़ी केंद्रों से इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे धर्म परिवर्तन की बड़ी साजिश बताया है।   

बच्चों को सिखाया जा रहा नमाज अदा करना

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वडोदरा के डभोई तालुका के करनाली आंगनवाड़ी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें छोटे बच्चों को ईद मनाने और स्कूल के समय नमाज अदा करने के बारे में सिखाया जा रहा है। वीडियो में बच्चों को सिर पर रूमाल बांधते, नमाज पढ़ना, ईद की रस्में जैसे बिरयानी बनाना, ईद मुबारक कहना और ताजिया के दौरान “या हुसैन” के नारे लगाते दिखाया गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि करनाली आंगनवाड़ी शिक्षिका ने खुद ही अपने सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें आंगनवाड़ी सत्र के दौरान बच्चे सीख रहे थे और नारे लगा रहे थे। शिक्षिका ने बच्चों के सिर पर रूमाल भी बांधा था।

ईद की नमाज पढ़ाना पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं

दभोई के भाजपा विधायक शैलेश सोट्टा ने आंगनवाड़ी केंद्रों में इस तरह की गतिविधियों के संचालन पर चिंता जताई है। विधायक सोट्टा ने इस मामले में राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री कुबेरभाई डिंडोर, जिला विकास अधिकारी ममताबेन हिरपारा और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी से इस घटना की शिकायत कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि हिंदू बच्चों को त्योहारों पर पाठ पढ़ाते समय नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जबकि ईद की नमाज पढ़ाना पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था।

शिक्षिका ने दी सफाई

विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि क्या शिक्षिका ने क्लास में इस्लामी धार्मिक प्रथाओं को शामिल करने के लिए उचित मंजूरी प्राप्त की था और क्या ये गतिविधियां शैक्षिक पाठ्यक्रम के अनुरूप थीं। वहीं, शिक्षिका ने कहा कि ईद, जन्माष्टमी, नवरात्रि जैसे त्यौहारों को पढ़ाना पाठ्यक्रम का हिस्सा है।

ये भी पढ़ें: दुनिया के वो चार गेंदबाज जिन्होंने रिकॉर्ड की परवाह किए बगैर क्रिकेट को कह दिया अलविदा