
Manipur Violence: मणिपुर में हालात फिर तेजी से बिगड़ रहे हैं। हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले के बाबूपुरा में रविवार रात उग्र भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों की फायरिंग में 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। रविवार रात असम के सीमावर्ती कछार जिले में बराक नदी से एक महिला का शव मिलने के बाद गुस्साई भीड़ ने जिरीबाम में कई राजनीतिक दलों के कार्यालयों को जला दिया। हालात बिगड़ते देख इंफाल घाटी के इंफाल पूर्व, पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकाल कर्फ्यू लगा दिया गया। कर्फ्यू वाले जिलों में मंगलवार तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए।
गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में बिगड़े हालात को लेकर सोमवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली में वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर शांति बहाली के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए केंद्रीय सशस्त्र बलों और राज्य की पुलिस को हर हाल में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सीएपीएफ (CAPF) की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का निर्णय किया है। इससे पहले 20 अतिरिक्त कंपनियां भेजी थीं। राज्य में पिछले साल मई से जातीय हिंसा जारी है। सीआरपीएफ (CRPF) के साथ मुठभेड़ में 11 नवंबर को 10 उग्रवादी मारे गए थे। जिरिबाम जिले में मैतेई समुदाय के एक कैंप से कथित तौर पर अपहरण कर तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या की घटना के बाद हिंसा भडक़ उठी थी। भीड़ ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद सहित कई विधायकों और मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया था।
राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के आवास और राजभवन के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। प्रभावित इलाकों में वाहनों की आवाजाही सीमित देखी गई।
मणिपुर में अब तक केंद्रीय सुरक्षा बलों के 27,000 जवान तैनात हो चुके हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इस महीने के पहले दो हफ्तों में मणिपुर में हुई हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है।
Published on:
19 Nov 2024 08:11 am
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