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‘मैंने बहुत लोगों को निशाना बनाया है’, AAP में शामिल होने के बाद Avadh Ojha ने ऐसा क्यों कहा

Delhi Politics: अवध ओझा पहले से ही राजनीति में एंट्री लेना चाहते थे। वह लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बताया जा रहा है कि ओझा बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बात नहीं बनी।

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avadh ojha

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Avadh Ojha: सिविल सर्विस की पढ़ाई कराने वाले मशहूर टीचर अवध ओझा ने सोमवार को आप की सदस्यता ग्रहण की थी। वहीं आज आप नेता अवध ओझा ने कहा कि तारीफ करना भगवत्ता की निशानी है। तारीफ करना हर आदमी की बख्शी बात नहीं होती, तारीफ करना एक अच्छे इंसान का लक्षण है। पहले मैं शिक्षक था, शिक्षक या तो किसी की तारीफ करते है, या किसी को निशाना बनाते हैं। जब मैं शिक्षक था तारीफ भी करता था और निशाना भी बनाता था। मैंने कई लोगों को निशाना बनाया है वो बतौर शिक्षक मेरा मत था।

‘शिक्षा का विकास मेरी प्राथमिकता हैं’

इससे पहले सोमवार को आप में शामिल होने के बाद अवध ओझा ने कहा था कि वह आप पार्टी का हिस्सा बन गए हैं और उन्हें पार्टी की तरफ से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे निभाएंगे। साथ ही कहा कि शिक्षा का विकास मेरी प्राथमिकता है। बताया जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अवध ओझा को टिकट मिल सकता है। आप अवध ओझा को पटपड़गंज से प्रत्याशी बना सकती है। जहां से फिलहाल मनीष सिसोदिया विधायक है। 

क्या शिक्षा मंत्री बनेंगे अवोध ओझा? 

बता दें कि दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव है। आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं अवध ओझा को पार्टी में शामिल कराते समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने बार-बार जोर दिया कि ओझा शिक्षा के क्षेत्र में काम करेंगे। इससे ऐसा लगता है कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आप की सरकार बनती है तो ओझा को शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि ओझा पहले ही यह डील करके आए हो कि दिल्ली में आप की सरकार बनाने पर उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया जाए। 

पहले से ही राजनीति में आना चाहते थे ओझा

अवध ओझा पहले से ही राजनीति में एंट्री लेना चाहते थे। वह लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बताया जा रहा है कि ओझा बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बात नहीं बनी।

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