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मैं यहीं रहूंगा, यहीं मरूंगा! पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान हर रैली में दोहराते थे सिद्धू मूसेवाला

Sidhu Moosewala: मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं यहीं रहूंगा और मैं यहीं मरूंगा! इस पंक्ति को सिद्धू मूसेवाला पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हर रैली व बैठक में दोहराते थे। सुरक्षा हटाए जाने के एक दिन बाद 27 साल के सिद्धू मूसेवाला की गांव से कुछ किलोमीटर दूर गोली मारकर हत्या कर दी गई।  

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I'll be here, I'll die here! Sidhu Moosewala used to repeat in every rally during Punjab Assembly election campaign

I'll be here, I'll die here! Sidhu Moosewala used to repeat in every rally during Punjab Assembly election campaign

Sidhu Moosewala: 11 जून 1993 को जन्में शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें हम और आप सिद्धू मूसेवाला के नाम से जानते थे वह आज हमारे बीच नहीं हैं। सिद्धू मूसेवाला प्रतिभाशाली गायक, युवाओं के आइकॉन और कांग्रेस नेता थे, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान तामाम रैलियां की और उन रैलियों में उनका जोश साफ देखने को मिलता था। निडर होकर वह रैलियों में कहा करते थे कि वो कहीं नहीं जाएंगे, यही रहेंगे और यही मरेंगे। उन्होंने राजनीति में तो अभी कदम ही रखा था कि उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मानसा से कांग्रेस के प्रत्यासी बनाए जाने के बाद सिद्धू मूसेवाला ने कहा था कि मानसा के सारे मुद्दे उनके जहन में हैं। सारा ब्लूप्रिंट बना रखा है। मैं वाहेगुरु का शुकराना करने जा रहा हूं, मेरा कोई भी काम आज तक शांति से नहीं हुआ है, हर काम खड़के धड़के से ही हुआ है, फिर भी कामयाब हुआ हूं।


राजनीति में इस वजह से आए थे सिद्धू मूसेवाला

सिद्धू मूसेवाला ने खिवा खुर्द गांव में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बताया कि वह राजनीति में क्यों आए हैं। उन्होंने कहा जब मैं 23 साल का था, तब अपने माता-पिता के जीवन को बदलने के लिए संगीत को चुना, आज 27 साल का हूं और मेरे पास अपने माता-पिता को देने के लिए शोहरत और पैसा है, लेकिन मैं हवा नहीं खरीद सकता। अमीर हो या गरीब हम एक ही हवा में सांस लेते हैं। हमें उस हवा को साफ करने की जरूरत है जिसमें हम सांस लेते हैं। हमें वह पानी को साफ करने की जरूरत है, जिसे हम पीते हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान बड़े वादों से दूर अपना एक अलग अभियान चलाया था।


लगातार विवादों से जुड़ा रहा नाम

सिद्धू मूसेवाला का नाम हमेसा किसी ना किसी विवाद से जुड़ा रहा। उन पर खालिस्तान के समर्थन से लेकर AK-47 चलाने तक का आरोप लगा। मई 2020 में सोशल मीडिया पर उनके दो वीडियो वायरल हुए, जिसमें उन्हें पांच पुलिस वालों के साथ AK-47 और एक निजी पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग लेते देखा गया था। इस मामले में ना केवल उन पर आर्म्स ऐक्ट के तहत केस दर्ज हुआ बल्कि पुलिस वालों को भी निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।

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