राजस्थान के माधोपुर में 1 सितंबर 1964 को जन्में 1987 बैच के राजेश वर्मा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में चुने जाने के बाद 27 अगस्त को 1987 को उन्होंने सर्विस ज्वाइन किया। बतौर डीएम उनकी पहली पोस्टिंग 1993 में ओडिशा के ढेंकानाल जिले में हुई। उन्होंने ओडिशा के सबसे पिछड़े जिलों में आम लोगों की समस्याओं को हल किया। इसके बाद जिलाधिकारी के तौर पर उनकी दूसरी पोस्टिंग गंजाम जिले में हुई। 1996 तक उन्होंने वहां के लोगों की सेवा की ओर विकास के कार्यों से आम लोगों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
इसके बाद राजेश वर्मा को 1997 से 2003 तक इंटर कैडर डेप्यूटेशन पर होम स्टेट राजस्थान में वित्त विभाग में डायरेक्टर बनाया गया। फिर उन्हें केंद्र में भेज दिया गया जहां वह पावर,वित्त और रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन मंत्रालय में डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी के अहम पदों पर कार्यरत रहे। वह ओडिशा के चीफ मिनिस्टर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी रहे। यहीं नहीं, सीएम नवीन पटनायक ने भी उन्हें कई सीनियर अधिकारियों के बदले ज्यादा तरजीह दी। राजेश वर्मा ईमानदार और सत्यनिष्ठा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ओडिशा में माइंस, कृषि के साथ एनर्जी डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में भी काम किया है और केंद्र में भी मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर और फार्मस वेलफेयर मंत्रालय में स्पेशल सेक्रेटरी रह चुके हैं।