
Uber India: दिल्ली राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग ने बुकिंग के बावजूद उबर कैब समय पर नहीं आने और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करने काे सेवा दोष माना है। आयोग ने उबर इंडिया का यह तर्क खारिज कर दिया कि चालक की लापरवाही के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। आयोग ने कैब सेवा प्रदाता कंपनी पर जिला आयोग की ओर से लगाए गए 24100 रुपए के जुर्माने तथा 30000 रुपए मानसिक क्षति व मुकदमा खर्च देने के आदेश को बरकरार रखा है।
राज्य आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान उबर इंडिया ने तर्क दिया कि उनकी ओर से सेवा में कोई चूक नहीं की गई। उबर एक कैब-सेवा एग्रीगेटर और सुविधादाता के रूप में कार्य करता है इसलिए उसे कैब चालक की चूक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। साथ ही परिवादी ने उबर ऐप पर दूसरी बुकिंग के विकल्प का लाभ उठाने का प्रयास करने के बजाय एक स्थानीय टैक्सी की तलाश की जिसके कारण एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हुई और फ्लाइट चूक गई।
आयोग ने अपने फैसले में कंपनी के तर्क खारिज करते हुए कहा कि हालांकि कंपनी परिवहन सेवाओं की सुविधा के लिए एक मंच प्रदान करती है, लेकिन यह सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है कि उपभोक्ताओं को संतोषजनक और समय पर सेवाएं प्रदान की जाएं। एग्रीगेटर और सेवा प्रदाता होने के नाते कंपनी को परिवादी को समय पर और संभव (फिजीबल) विकल्प देना चाहिए था। परिवादी की शिकायत का समय पर निवारण न करना ग्राहक की सेवा सुनिश्चित करने में जिम्मेदारी की कमी स्पष्ट करता है जो कंपनी की ओर से सेवा दोष है। आयोग ने उबर इंडिया की अपील खारिज कर दी।
परिवादी ने इंदौर की फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के लिए उबर ऐप के जरिये कैब बुक की थी लेकिन चालक कैब लेकर नहीं पहुंचा। बार-बार कॉल करने पर भी कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया तो परिवादी ने कैब रद्द कर दी। दूसरी टैक्सी से एयरपोर्ट पहुंचने तक फ्लाइट मिस हो गई और परिवादी और उसकी पत्नी को दोगुने किराये वाली फ्लाइट से इंदौर जाना पड़ा। उबर इंडिया ने परिवादी के कानूनी नोटिस का भी जवाब नहीं दिया।
Published on:
01 Dec 2024 08:23 am
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