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घट गई जनसंख्या तो संसद में कम हो जाएंगे सांसद, CM स्टालिन ने चेताया

CM स्टालिन ने कहा कि अगर जनसंख्या में कमी का यह सिलसिला जारी रहा, तो तमिलनाडु की संसद में प्रतिनिधित्व प्रभावित हो सकता है।

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भारत

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Anish Shekhar

Feb 25, 2025

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के सफल उपायों के बाद संसद में सांसदों की संख्या में संभावित कमी को लेकर चिंता जताई है। इस मुद्दे पर बोलते हुए स्टालिन ने कहा, "भारत का बड़ा लक्ष्य अपनी जनसंख्या को नियंत्रित करना था। तमिलनाडु ने इसमें बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन अब हम एक ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जहां कम जनसंख्या के कारण तमिलनाडु में संसद की सीटें घट सकती हैं।"

स्टालिन ने जोर देकर कहा कि अगर जनसंख्या में कमी का यह सिलसिला जारी रहा, तो तमिलनाडु की संसद में प्रतिनिधित्व प्रभावित हो सकता है। वर्तमान में राज्य के 39 सांसद हैं, जो भविष्य में घटकर 31 तक हो सकते हैं।

बीजेपी ने स्टालिन पर साधा निशाना

इस बीच, बीजेपी नेता तमिलिसाई सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर निशाना साधा। हाल ही में तमिलनाडु के पोल्लाची रेलवे स्टेशन पर नामपट्टियों पर हिंदी अक्षरों को कथित तौर पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) कार्यकर्ताओं द्वारा काले रंग से मिटाने की घटना के बाद उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अब भाषा की राजनीति से फायदा नहीं उठा सकती। यह विवाद केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में तीन-भाषा नीति को लेकर चल रही तनातनी के बीच सामने आया है।

स्टालिन को दी खुली चुनौती

तमिलिसाई ने कहा, "मैं DMK कार्यकर्ताओं के रवैये की निंदा करती हूं, जिन्होंने हिंदी शब्दों को काले टार से मिटा दिया। यह सार्वजनिक संपत्ति है। उत्तर भारत से लोग भी इस राज्य में आते हैं। रेलवे सभी राज्यों को जोड़ता है। आपको हिंदी शब्दों को मिटाने का क्या अधिकार है? सभी मंत्रियों के बच्चे और नाती-पोते CBSE स्कूलों में पढ़ते हैं और तीन भाषाएं सीखते हैं। मैं एमके स्टालिन को खुली चुनौती देती हूं कि वे बताएं कि उनके और उनके मंत्रियों के परिवारों के कितने बच्चे सिर्फ दो भाषाएं सीख रहे हैं। और आपके सभी मंत्री, जिनमें आपके परिवार के लोग भी शामिल हैं, CBSE स्कूल क्यों चला रहे हैं?"

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि DMK व्यापार के लिए हिंदी चाहता है, लेकिन गरीब बच्चों के कल्याण के लिए दूसरी भाषाओं का विरोध करता है। तमिलिसाई ने कहा, "यह जनता के हितों का राजनीतिकरण है। लोग DMK के दोहरे मापदंडों को समझ रहे हैं। जब कुछ बच्चे पंजाब और वाराणसी गए, तो उन्हें संवाद में दिक्कत हुई। अब वे भाषा की राजनीति से फायदा नहीं उठा सकते। तमिलनाडु में अन्य मुद्दे हैं, और उन्हें छिपाने के लिए वे भाषा पर राजनीति कर रहे हैं।"