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Dalit Student: पीरियड्स की पीड़ा के साथ परीक्षा देने स्कूल गई दलित छात्रा, कक्षा से निकाला, फिर बरामदे में…

Coimbatore school: छात्रा ने अपनी मां को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उसकी मां ने स्कूल जाकर इसका विरोध किया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया।

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भारत

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Ashib Khan

Apr 10, 2025

पीरियड्स के कारण दलित छात्रा को कक्षा में नहीं देनी दी परीक्षा।

Coimbatore School Discrimination: तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक निजी स्कूल में पीरियड्स आने के कारण आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली दलित छात्रा को क्लास से निकाल दिया। इसके बाद उसे क्लासरूम से बाहर बरामदे में बैठकर परीक्षा देने के लिए विवश किया गया। पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

मां ने बनाया वीडियो

छात्रा ने अपनी मां को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उसकी मां ने स्कूल जाकर इसका विरोध किया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वहीं छात्रा की मां ने इस मामले में अधिकारियों से शिकायत की।

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई-डीएम

कोयंबटूर के जिला कलेक्टर पवन कुमार जी गिरियप्पनवर ने इसकी पुष्टि की और कहा कि कोयंबटूर ग्रामीण पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही, मैट्रिकुलेशन स्कूलों के निरीक्षक को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन

मामले में अधिकारी ने कहा कि निजी स्कूल शिक्षा निदेशक डॉ. एम पलानीसामी जांच कर रहे हैं। अगर इस मामले में कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि बच्चों के खिलाफ किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

स्कूल प्रिंसिपल को किया निलंबित

मंत्री अंबिल महेश की पोस्ट कर लिखा कि निजी स्कूल के खिलाफ विभागीय जांच की गई। स्कूल प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। बच्चों पर किसी भी तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा

दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह न केवल लिंग आधारित भेदभाव का मामला है, बल्कि जातिगत पूर्वाग्रह का भी स्पष्ट उदाहरण है। इस घटना ने मासिक धर्म को लेकर समाज में मौजूद रूढ़िवादिता और शैक्षणिक संस्थानों में दलित छात्राओं के साथ होने वाले व्यवहार पर सवाल खड़े किए हैं। लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला, जहां कई यूजर्स ने स्कूल प्रशासन की आलोचना की और कार्रवाई की मांग की।