
भारत ने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत को किस दिन अपनाया, सही जवाब होने पर करें गर्व
Who is author of national song? भारत के इतिहास में 24 जनवरी का खास महत्व है। 24 जनवरी 1950 को ही 284 सदस्यों ने संविधान को अपनाने और लागू करने के समर्थन में हस्ताक्षर किए थे। इस दिन 1952 में चुनाव होने के बाद पहली बार देश की संसद का गठन किया गया था। पर संविधान सभा, भंग होने के बावजूद अस्थायी तौर पर काम कर रही थी। गौर करने वाली एक अहम बात यह है कि, संविधान सभा ने 24 जनवरी को ही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति चुना था। 1952 और फिर 1957 में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को दोबारा राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया था। अब बात करते हैं राष्ट्रगान की जो किसी भी देश के लिए गर्व करने की बात होती है। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रगान को अपनाने की मंजूरी दी थी। 'जन गण मन' को भारत का राष्ट्रगान घोषित किया गया। एक बेहद दिलचस्प बात है कि, इसी दिन 'वंदे मातरम' को भारत का राष्ट्रीय गीत चुना गया है।
देश का राष्ट्रगान किसने लिखा?
भारत का राष्ट्रगान जन-गण-मन-गन-अधिनायक जय हे 27 दिसंबर 1911 को कोलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन के गाया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में 5 छंदों में एक कविता बंगाली में लिखी थी। इस कविता के पहले छंद को राष्ट्रगान के रूप में लिया गया था। तो राष्ट्रगान के रचयिता राष्ट्रकवि रविंद्र नाथ टैगोर की भांजी सरला ने कांग्रेस अधिवेशन में यह गान बंगाली और हिंदी भाषा में किया था। नेता जी सुभाष चंद्र बोस के निवेदन पर आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में रूपांतरण किया था। बाद में इसकी अंग्रेजी में भी रचना की गई, यह हिंद सेना का नेशनल ऐंथम था। 24 जनवरी 1950 को आजाद भारत की संविधान सभा ने इसे अपना राष्ट्रगान घोषित किया। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है। राष्ट्रगान के बोल और धुन स्वयं रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आन्ध्रप्रदेश के मदनापल्ली में तैयार की थी।
देश का राष्ट्रीय गीत किसने लिखा था जानें?
अंग्रेजों ने 1870 में अपना गीत गॉड सेव दि क्वीन गीत को गाना अनिवार्य कर दिया था। इस आदेश को लेकर बंकिमचंद्र चटर्जी काफी आहत हुए थे। बंकिमचंद्र सरकारी नौकरी करते थे। साल 1876 में बंकिमचंद्र चटर्जी एक गीत की रचना की। और उसका शीर्षक दिया 'वन्दे मातरम्'। शुरुआत में इसके केवल दो ही पद रचे गए थे। यह संस्कृत भाषा में थे। इन दोनों पदों में केवल मातृभूमि की वन्दना थी। आगे का हिस्सा बांग्ला भाषा में मां दुर्गा की स्तुति है। गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर ने इसके लिए धुन तैयार की थी।
Updated on:
24 Jan 2023 06:00 pm
Published on:
24 Jan 2023 05:46 pm
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