
सुशीला कार्की (फोटो- एक्स अकाउंट @RONBupdates)
India Nepal Relation: भारत ने नेपाल की अंतरिम सरकार का स्वागत किया है। भारत सरकार ने कहा कि हम सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत (India Welcom Nepal Interim Government) करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि एक करीबी पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और एक दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में भारत दोनों देशों के लोगों और उनकी भलाई और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।
शुक्रवार देर शाम 8.45 बजे सुशीला कार्की ने नेपाल में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पडौल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं, संसद को भंग कर दिया गया है। इस मौके पर राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार को 6 महीने के भीतर नए संसदीय चुनाव कराने का अधिकार है।
NGO हामी नेपाल और Gen-Z ने सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपने से पहले तीन शर्तें रखी थीं। जिनमें पहली शर्त थी कि मौजूदा संघीयल संसद को भंग किया जाए, प्रदर्शनकारियों की यह शर्त मान ली गई है। दूसरी शर्त ये है कि 8 और 9 सितंबर के आंदोलन में जिस तरह निहत्थे लोगों पर पुलिस ने गोली चलाई, उसकी न्यायिक आयोग से निष्पक्ष जांच कराई जाए। तीसरी शर्त ये है कि पिछली सरकार में प्रधानमंत्री रहे के.पी. शर्मा ओली समेत सभी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की संपत्ति की जांच कराई जाए।
एक महिला, जो न्यायपालिका से राजनीति के सबसे ऊंचे पद पर पहुंची हैं। जनता, खासकर जेन-Z आंदोलन के युवा, उनके नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें लगा रहे हैं। क्या वह अस्थिरता को स्थिरता में बदल पाएंगी? क्या वे लोकतंत्र को मज़बूत कर पाएंगी? और सबसे जरूरी, क्या वे नेपाल को पारदर्शी और जवाबदेह शासन दे पाएंगी? ये सभी सवाल अब नेपाल की नई प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के सामने हैं।
Updated on:
13 Sept 2025 08:00 am
Published on:
13 Sept 2025 07:59 am
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