
बुध पुर्णिमा के दिन भारत मंगोलिया ले जाएगा भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष
मंगोलिया के लोगों के प्रति एक विशेष भावना प्रदर्शित करते हुए, भगवान बुद्ध के 4 पवित्र अवशेषों को 14 जून, 2022 को पड़ऩे वाले मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा के समारोहों के हिस्से के रूप में 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में 25 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल भगवान बुद्ध के अवशेषों को लेकर मंगोलिया जाएगा। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में जानकारी देते हुए किरेन रिजिजू ने बताया कि यह यात्रा भारत-मंगोलिया संबंधों में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।
किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। बता दें, भारत समय-समय पर अपने पड़ोसी देशों खासतौर से श्रीलंका, जापान, मंगोलिया जैसे वह देश जहां बौद्ध धर्म के मानने वाले बड़ी तादाद में है वहां पर अवशेष दर्शन के लिए लेकर जाता रहा है। इस साल 14 जून को बुद्ध पूर्णिमा है लिहाजा मंगोलियन सरकार की तरफ से भारत सरकार से अपील की गई थी कि भगवान बुध से जुड़े जो अवशेष हैं उनको कुछ दिन के लिए मंगोलिया भेजा जाए।
वहीं भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को मंगोलिया एक विशेष ताबूत में लेकर जाया जाएगा। पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन गंदन मठ के परिसर में बटसागान मंदिर में किया जाएगा। बुद्ध के पवित्र अवशेष वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए हैं जिन्हें 'कपिलवस्तु अवशेष' के नाम से जाना जाता है क्यांकि वे पहली बार बिहार में खोजे गए एक स्थल से हैं जिसे कपिलवस्तु का प्राचीन शहर माना जाता है।
किरेन रिजिजू ने कहा, "भगवान बुद्ध के उपदेश आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और ये मानवता को और अधिक शांति, सद्भाव तथा समृद्धि की ओर ले जाएंगे। भारत शांति और सद्भाव में विश्वास रखता है तथा भगवान बुद्ध के उपदेशों, जो दुनिया को भारत का सांस्कृतिक उपहार है, के माध्यम से इस संदेश को विश्व भर में फैलाना चाहता है।"
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उन्होंने आगे कहा, "ये पवित्र अवशेष मंगोलिया के लोगों के लिए जिनका इस पवित्र अवशेष के प्रति उनके हृदय में बहुत विशिष्ट सम्मान है, एक विशेष उपहार के रूप में 11 दिनों की प्रदर्शनी के लिए ले जाये जा रहे हैं।" आपको बता दें, आखिरी बार इन अवशेषों को वर्ष 2012 में देश से बाहर ले जाया गया था जब श्रीलंका में उनकी प्रदर्शनी आयोजित की गई थी और श्रीलंका के कई स्थानों पर उन्हें प्रदर्शित किया गया था।
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Updated on:
12 Jun 2022 08:08 am
Published on:
11 Jun 2022 09:55 pm
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