
ग्लोबल बैंकिंग संकट, आर्थिक मंदी और भू-राजनीतिक तनाव के कारण पिछला दो साल भारतीय आइटी इंडस्ट्री के लिए निराशाजनक रहा और इनका बिजनेस प्रभावित हुआ। दुनियाभर की टेक कंपनियों में हो रही छंटनी का असर भारतीय आइटी कंपनियों पर भी पड़ा और वित्त वर्ष 2023-24 में देश की टॉप 6 कंपनियों में हेडकाउंट करीब 70,000 घट गया। टॉप 6 आइटी कंपनियों में केवल एचसीएल टेक में पिछले वित्त वर्ष कर्मचारियों की संख्या बढ़ी। इन कंपनियों के एट्रीशन रेट यानी नौकरी छोडऩे की दर में भी गिरावट आई है। वर्ष 2024-25 में भी आइटी सेक्टर में हायरिंग सुस्त रहने की आशंका है।
मार्च तिमाही में आइटी कंपनियों का मुनाफा और राजस्व मिला-जुला रहा। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में आइटी सर्विसेज कंपनियों का मुनाफा तो बढ़ा, पर रेवेन्यू में 6% सालानी की धीमी बढ़ोतरी हुई। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भी आइटी क्षेत्र 5-7% की दर से ग्रोथ करेगा।
वर्ष 2024 में अब तक अधिकतर आइटी कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। हालांकि अब आइटी कंपनियों को अधिक ऑर्डर मिलने लगे हैं, जिससे उम्मीद है कि आइटी स्टॉक्स में रिकवरी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 6 माह में आइटी स्टॉक्स में रैली देखने को मिल सकती है। इंफोसिस ने बताया कि 2024 के लिए उसे 17.7 अरब डॉलर की वैल्यू के ऑर्डर मिले हैं, जिसमें 52त्न नए ऑर्डर हैं। वहीं विप्रो की ऑर्डर बुक 16% से ज्यादा बढक़र 4.6 अरब डॉलरकी हो गई है। वहीं मार्च तिमाही में टीसीएस को रेकॉर्ड 13.2 अरब डॉलर वैल्यू के ऑर्डर मिले।
कंपनी कर्मी घटे एट्रीशन रेट
टीसीएस -13,249 12.5%
इंफोसिस -25,994 12.6%
विप्रो -24,516 14.2%
टेक महिंद्रा -6,945 10.0%
माइंडट्री -1820 14.4%
एचसीएल 2,725 12.4%
(वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़े)
कंपनी मुनाफा बदलाव राजस्व बदलाव
टीसीएस 12,434 9% 61,237 3.5%
इंफोसिस 7975 30% 37,923 1.3%
विप्रो 2835 -8.0% 22,208 -4.0%
टेक महिंद्रा 661 -41% 12,871 -6.2%
एचसीएल 3986 0% 28,499 7.1%
माइंडट्री 1100 -1% 8893 -2%
Published on:
27 Apr 2024 07:34 am
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