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‘परिवारों पर पड़ सकता है असर’: ट्रंप के H-1B वीजा के फैसले पर भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया

H-1B Visa: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा के नियम सख्त कर दिए। यूएस के एच-1बी वीजा पर भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है।

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Randhir Jaiswal

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Photo-ANI)

H-1B Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा प्रोग्राम में कड़े बदलावों पर भारत सरकार ने पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि सरकार को प्रस्तावित प्रतिबंधों की जानकारी है और इसका अध्ययन संबंधित पक्षों, जिसमें भारतीय उद्योग शामिल हैं, द्वारा किया जा रहा है। जायसवाल ने कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता के महत्व पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि यह कदम परिवारों पर मानवीय असर डाल सकता है। ट्रंप का फैसला हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए झटका है, जहां 73% H-1B वीजा भारतीयों को मिलते हैं।

ट्रंप के बदलाव: $1 लाख सालाना शुल्क, अमेरिकी नौकरियां पहले

19 सितंबर 2025 को व्हाइट हाउस में हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश के तहत प्रत्येक H-1B आवेदन पर प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर (करीब 84 लाख रुपये) का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। वीजा की वैधता अधिकतम छह साल तक सीमित कर दी गई है। ट्रंप ने कहा, हम चाहते हैं कि हमारी नौकरियां हमारे नागरिकों को मिलें। वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लूटनिक ने इसे सस्ते विदेशी श्रम पर अंकुश बताया। साथ ही, 'ट्रंप गोल्ड कार्ड प्रोग्राम' लॉन्च किया गया, जहां 10 लाख डॉलर निवेश पर स्थायी निवास मिलेगा। यह बदलाव TCS, Infosys जैसी कंपनियों को प्रभावित करेगा।

भारत सरकार का बयान: अध्ययन जारी, परिवारों पर चिंता

रणधीर जायसवाल ने X पर पोस्ट में कहा, भारत सरकार को H-1B वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट्स की जानकारी है। इस उपाय के पूर्ण निहितार्थों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल हैं। उन्होंने भारतीय उद्योग के प्रारंभिक विश्लेषण का जिक्र किया, जो कुछ धारणाओं को स्पष्ट करता है। जायसवाल ने जोर दिया, भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है। कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता ने प्रौद्योगिकी विकास, आर्थिक वृद्धि और धन सृजन में योगदान दिया है। नीति निर्माता पारस्परिक लाभों को ध्यान में रखें। उन्होंने चेताया, इस उपाय के परिवारों के लिए उत्पन्न व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम होने की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान कर सकते हैं।

भारतीय उद्योग का रुख: चिंता, लेकिन आशावादी

नास्कॉम ने कहा कि यह बदलाव प्रतिभा पूल को सीमित करेगा, लेकिन दोनों देशों से सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की अपेक्षा है। सिलिकॉन वैली में 70% भारतीय इंजीनियर प्रभावित होंगे। भारत सरकार ने अमेरिका से द्विपक्षीय वार्ता की संभावना जताई।

संतुलित नीति की मांग

यह प्रतिक्रिया सतर्क लेकिन रचनात्मक है, जो आर्थिक साझेदारी को बचाने पर फोकस करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अमेरिकी नीति पर दबाव बनाएगा। H-1B पर निर्भर परिवारों के लिए अनिश्चितता बनी हुई है।