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Israel Iran War: इजरायली हमले में 2 भारतीय छात्र घायल, 10 हजार इंडियन को रेस्क्यू करेगा भारत

Israel Iran Tension: इजरायल और ईरान के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देशों के बीच पिछले चार दिन से लड़ाई तेज हो गई है। दोनों ही एक दूसरे पर हमले कर रहे है।

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Israel attacks Iran

Israel attacks Iran (Photo - Washington Post)

Israel-Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग लगातार चौथे दिन भी थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देशों के बीच हालिया टकराव अब एक और बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का रूप लेता दिख रहा है। इस लड़ाई में अब तक ईरान के 224 और इजरायल के 15 लोगों की मौत हो चुकी है। युद्ध में लगातार बढ़ती हिंसा ने न सिर्फ वैश्विक चिंता को जन्म दिया है, बल्कि ईरान में मौजूद भारतीयों के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है।

ईरान में फंसे हुए हैं 10 हजार भारतीय

ईरान में इस समय लगभग 10 हजार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है, जो मेडिकल और धार्मिक शिक्षा के लिए विभिन्न ईरानी संस्थानों में अध्ययन कर रहे थे। इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच अब भारत सरकार इन भारतीयों को सकुशल बाहर निकालने के लिए एक विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने जा रही है।

भारतीय नागरिका को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान

भारत सरकार की ओर से बताया गया है कि ईरान सरकार ने भी विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजने पर सहमति जताई है। इसी के तहत भारतीयों को अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के ज़रिए सुरक्षित निकाला जाएगा। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय दूतावास और अन्य एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है।

दो कश्मीरी छात्र घायल

इस बीच, एक चिंताजनक घटना भी सामने आई है। तेहरान में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के छात्रावास के पास एक हमला हुआ, जिसमें दो भारतीय छात्र घायल हो गए हैं। दोनों छात्र कश्मीर के रहने वाले हैं। हमले के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इन छात्रों को रामसर शहर में स्थानांतरित कर दिया है।

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स्थानीय प्रशासन के संपर्क में भारतीय दूतावास

भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष निगरानी रखी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था भी की जाएगी।

जानिए विशेषज्ञों की क्या है राय

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह युद्ध और ज्यादा लंबा चला, तो इसका प्रभाव पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र पर पड़ सकता है। भारत जैसे देशों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है, जहां बड़ी संख्या में नागरिक विदेशी धरती पर अध्ययन या कार्य कर रहे हैं।

भारत सरकार ने अपने नागरिकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और हर हाल में भारतीय दूतावास से संपर्क में रहें। रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी समय-समय पर साझा की जाएगी।