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Gaganyaan Mission: गगनयान के क्रू मॉड्यूल का अबॉर्ट टेस्ट करेगा इसरो, नौसेना का रोल भी रहेगा बेहद अहम

Gaganyaan Mission : अब इसरो गगनयान की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। यह भारत का पहला मिशन होगा, जिसमें इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

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Gaganyaan Mission

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Gaganyaan Mission Latest Update: अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। यह भारत का पहला मिशन होगा, जिसमें इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। मिशन के लिए इसरो की पहला क्रू मॉड्यूल मिल गया है, जिसका पहला अबर्ट टेस्ट 26 अक्टूबर को किया जा सकता है। भारतीय अंतरिक्षयात्री इसी कैप्सूल (कू मॉड्यूल) में बैठकर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाएंगे। अबॉर्ट टेस्ट का अर्थ है, यदि किसी तरह की मुश्किल हो तो एस्ट्रोनॉट के साथ ये मॉड्यूल उन्हें सुरक्षित नीचे ले जाए। इसरो ने कहा कि क्रू मॉड्यूल को भारतीय नौसेना के एक समर्पित जहाज और गोताखोरी टीम का उपयोग करके बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद बरामद किया जाएगा।


मॉड्यूल असल कू मॉड्यूल के आकार, आकृति और वजन जितना

क्रू मॉड्यूल को कई स्टेज में विकसित किया गया है। इसमें प्रेशराइज्ड केबिन होगा, जिससे बाहरी वायुमंडल या अंतरिक्ष का असर एस्ट्रोनॉट पर न पड़े। टेस्टिंग के लिए बनाया गया यह के मॉड्यूल असल कू मॉड्यूल के आकार, आकृति और वजन जितना है। इसमें एवियोनिक्स सिस्टम लगा है, जो पूरे टेस्ट मिशन के दौरान नेविगेशन, सिक्केसिंग टेलिमेट्री और ऊर्जा आदि की जांच में मदद करेगा। अबॉर्ट मिशन पूरा होने के बाद भारतीय सेना बंगाल की खाड़ी से इसे रिकवर करेगा।

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एबॉर्ट फ्लाइट टेस्ट गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण

यह एबॉर्ट फ्लाइट टेस्ट गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह चरण इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के प्रमुख सेफ्टी फीचर्स में शामिल है। इसके बारे में इसरो ने कहा कि इस क्रू मॉड्यूल के साथ यह टेस्ट व्हिकल मिशन समग्र गगनयान प्रोजेक्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एक लगभग पूर्ण प्रणाली को फ्लाइट टेस्ट के लिए इंटीग्रेट किया गया है।

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