
RSS के कार्यक्रम को मोहन भागवत ने संबोधित किया (Photo-IANS)
दिल्ली के विज्ञान भवन में RSS द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के इतिहास, राष्ट्रवाद और भविष्य को आकार देने में संघ की भूमिका पर जानकारी दी। इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि संघ पर चर्चा तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए ना कि धारणाओं पर। उन्होंने कहा कि आरएसएस की स्थापना "संघ भारत के लिए है’’ स्पष्ट उद्देश्य के साथ हुई थी।
उन्होंने आगे कहा कि RSS की यात्रा चुनौतियों के साथ शुरू हुई, बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ी और आज यह भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। इसीलिए हमने "नए क्षितिज" शब्द का प्रयोग किया है।
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा- जब हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, तो सवाल उठते हैं। हम 'राष्ट्र' का अनुवाद 'राष्ट्र' करते हैं, जो एक पश्चिमी अवधारणा है जिसमें 'राष्ट्र' के साथ 'राज्य' भी जुड़ जाता है। 'राष्ट्र' के साथ राज्य का होना ज़रूरी नहीं है। हमारा 'राष्ट्र' हमेशा से रहा है। हम एक 'राष्ट्र' हैं और इस 'राष्ट्र' में हम हमेशा से स्वतंत्र नहीं थे, लेकिन 'राष्ट्र' तब भी था। हिंदू राष्ट्र का सत्ता या शासन से कोई लेना-देना नहीं है। इसमें बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाता है।
इस दौरान मोहन भागवत ने कहा- 1857 के बाद, क्रांतिकारियों ने बलिदान दिए जिनसे पीढ़ियों को प्रेरणा मिली। सावरकर उस लहर के एक उज्ज्वल रत्न थे।" उन्होंने आगे कहा कि आज़ादी के बाद क्रांतिकारी धारा कम हो गई और आज़ादी के साधन के रूप में राजनीति का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिससे अंततः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ।
RSS प्रमुख ने भारत के राजनीतिक विकास में छूटे अवसरों की ओर इशारा करते हुए कहा अगर उस आंदोलन ने आज़ादी के बाद भी सही दिशा दिखाई होती, तो आज तस्वीर बिल्कुल अलग होती। भागवत ने आरएसएस के संस्थापक डॉ. के.बी. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें "जन्म से देशभक्त" बताया।
कार्यक्रम में हेडगेवार के राजद्रोह के मुकदमे को याद करते हुए भागवत ने कहा कि न्यायाधीश ने भी कहा था कि उनका बचाव पक्ष का भाषण उस भाषण से भी ज़्यादा राजद्रोही था जिसका उन पर आरोप लगाया गया था।
मोहन भागवत ने कहा कि वंदे मातरम ने कहना हमारा अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि संघ के बारे में बहुत सारी चर्चा होती है, लेकिन ज्यादातर जानकारी अधूरी है या फिर प्रामाणिक नहीं होती।
Published on:
26 Aug 2025 08:00 pm
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