
Jammu Kashmir
नई दिल्ली। घाटी में लगातार बढ़ रही आतंकी घटनाओं के बीच जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब प्रदेश में महाजन, खत्री और सिखों को कृषि भूमि खरीदने-बेचने का अधिकार दे दिया है।
यही नहीं कृषि, बागवानी और अन्य संबंधित सेक्टर को सभी समुदाय के लिए खोल दिया गया है। इसके लिए कानून में बदलाव किया जाएगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ( Manoj Sinha ) की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में येह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
17 लाख लोगों को होगा फायदा
सरकार के इस फैसले से लगभग 17 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। इन तीनों समुदायों की ओर से लंबे समय से अधिकार दिए जाने की मांग की जा रही थी।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में फैसला किया गया कि कृषि से जुड़े लोग अपनी जमीन गैर कृषक को हस्तांतरित कर सकते हैं।
30 दिन पहले करना होगा जमीन बेचने का आवेदन
इसके साथ ही 80 कनाल जमीन बागवानी के लिए बेची जा सकेगी। जमीन बेचने का आवेदन करने के 30 दिनों के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
ये होगा फायदा
सरकार के इस फैसले से गैर कृषकों को भी कृषि के लिए जमीन लेने का अवसर मिल सकेगा। इससे कृषि, बागवानी और पशुपालन क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।
सकार के प्रवक्ता के मुताबिक महाजन, खत्री व सिख समुदाय की ओर से लंबे समय से कृषि भूमि की खरीद-बिक्री का अधिकार दिए जाने की मांग की जा रही थी। यह फैसला आर्थिक विकास और रोजगार के लिए भी कई रास्ते खोलेगा।
बता दें कि आर्टिकल 370 और 35ए खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद के लिए नए नियम बनाए गए। कृषि भूमि किसानों के हाथ में ही रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए नए कानून में प्रावधान रखा गया।
26 अक्तूबर 2020 को लागू नए कानून में यह साफ कर दिया गया कि खेती से जुड़े लोग ही खेती की जमीन खरीद सकते हैं और अन्य नहीं। उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि खेती की जमीन का उपयोग केवल कृषि कार्य के लिए ही होगा।
Published on:
20 Oct 2021 11:36 am
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