25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस राज्य में 5 राजनीतिक दलों की मान्यता होगी रद्द, जानिए चुनाव आयोग ने क्यों उठाया ये कदम

Election Commission of India: भारत निर्वाचन आयोग झारखंड में पांच पंजीकृत राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन कैंसिंल किया जा रहा है।

2 min read
Google source verification

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Photo-IANS)

Election Commission of India: झारखंड में पांच पंजीकृत राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द किया जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के अनुसार इन दलों का पता नहीं चल पा रहा है, ऐसे में उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की नौबत हो गई है। चुनाव आयोग के निर्देश पर झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सात पंजीकृत, गैर-मान्यता प्राप्त दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका था।

दो दलों ने रखा पक्ष, पांच दल लापता

चुनाव आयोग ने 22 जुलाई को इन दलों को सुनवाई के लिए बुलाया था। सुनवाई में केवल रांची स्थित जनसाधारण पार्टी और झारखंड विकास दल के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर अपने दलों के अस्तित्व पर शपथ पत्र और लिखित पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टियां सक्रिय हैं और भविष्य में चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

हालांकि, भारत विकास मोर्चा, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नवजवान संघर्ष मोर्चा और राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी के प्रतिनिधि सुनवाई में नहीं पहुंचे। आयोग ने पहले इन दलों को उनके पंजीकृत पते पर नोटिस भेजा था और अखबारों व सोशल मीडिया के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना जारी की गई थी, ताकि वे समय पर अपना पक्ष रख सकें।

15 जुलाई तक का समय, फिर सुनवाई में भी नहीं पहुंचे

चुनाव आयोग ने इन दलों को 15 जुलाई 2025 तक शपथ पत्र और लिखित जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया था, जिसके बाद 22 जुलाई को व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख तय की गई। इसके बावजूद पांच दलों ने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, जिससे इनके पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया अब तेज होने जा रही है।

पंजीकरण रद्द कर सूची से हटाने की तैयारी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिन दलों की उपस्थिति और जवाब नहीं मिलेगा, उन्हें सूची से हटाने की अनुशंसा भेजी जाएगी। यह कदम मतदाता और चुनावी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है, ताकि केवल सक्रिय और सही पते वाले दल ही सूची में बने रहें।

चुनाव आयोग का मानना है कि पंजीकृत रहते हुए निष्क्रिय दलों की उपस्थिति पारदर्शिता में बाधक बनती है और इससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे में सक्रिय, जवाबदेह और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने वाले दलों को ही सूची में जगह मिलनी चाहिए।

पारदर्शिता और निष्क्रिय दलों पर कार्रवाई का संदेश

भारत निर्वाचन आयोग का यह कदम अन्य राज्यों और दलों के लिए भी चेतावनी है कि निष्क्रिय और संपर्कविहीन दलों पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पंजीकृत राजनीतिक दलों के बीच उत्तरदायित्व और पारदर्शिता की भावना को बढ़ावा मिलेगा।