इस मुलाकात में आदिवासी बहुल राज्य झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद मंत्री पद और करोड़ों की नकद राशि देने का वादा किया गया था। इस पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका का एक ट्वीट शेयर किया जिसमें उन्होंने झारखंड के कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल की केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट की। इस पोस्ट में पीयूष हजारिका ने कुछ फैक्ट शेयर किए हैं जिसमें उन्होंने झारखंड कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल के आरोपों को निराधार बताया है।
हजारिका ने FIR कराने वाले विधायक की सीएम के बीच क्यों और कहां मुलाकात हुई थी ये बताते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री ने FIR से पांच दिन पहले ही किसी ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी प्रल्हाद से कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल की मुलाकात करवाई थी।”
वहीं, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “झारखंड में फर्जी FIR की गई। तथाकथित FIR ऐसी लग रही है जैसे कांग्रेस ओत्तावियो क्वात्रोची को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कह रही है।” बता दें, इतालवी व्यवसायी ओटावियो क्वात्रोची करोड़ों डॉलर के बोफोर्स घोटाले के केंद्र में थे, जिसने प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित कई भारतीय नेताओं के राजनीतिक करियर को प्रभावित किया था।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कांग्रेस नेता पुराने मित्र होने के नाते मेरे संपर्क में रहते हैं। मैं 20 साल से अधिक समय तक उस पार्टी में रहा। जब वे यहां आते हैं, तो मुझसे मिलते हैं। जब मैं नई दिल्ली में होता हूं, तो उनसे मिलता हूं।” गौरतलब है कि सरमा ने 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
आपको बता दें, झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों को पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारी कैश के साथ पकड़ा था। पुलिस के अनुसार विधायकों के पास से 48 लाख रुपये मिले। पुलिस के अनुसार जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी, खिजरी के विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा के विधायक नमन बिक्सल कोंगारी भारी कैश के साथ कार में सवार थे, उन्हें पांचला पुलिस थाना क्षेत्र के रानीहाती में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर रोका गया था।