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देवघर रोपवे हादसे में डेढ़ साल के इस बच्चे को लगी थी जानलेवा चोटें, डॉक्टर्स ने दिया नया जीवन-दान

Published: Apr 23, 2022 05:24:16 pm

Submitted by:

Archana Keshri

देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर हुए रोपवे हादसे में गिरिडीह के एक डेढ़ वर्षीय बच्चे आनंद को गंभीर चोट आई थी। आज शनिवार को मेडिका अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

देवघर रोपवे हादसे में डेढ़ साल के इस बच्चे को लगी थी जानलेवा चोटें, डॉक्टर्स ने दिया नया जीवन-दान

देवघर रोपवे हादसे में डेढ़ साल के इस बच्चे को लगी थी जानलेवा चोटें, डॉक्टर्स ने दिया नया जीवन-दान

झारखंड के देवघर त्रिपुट पहाड़ रोपवे हादसे में 10 अप्रैल को एक डेढ़ साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। बच्चे का नाम आनंद है, जो गिरिडीह का रहना वाला है। आज इस बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। रेस्क्यू के बाद इस घायल बच्चे को पहले सदर अस्पताल, देवघर में ही ईलाज के लिए एडमिट किया गया था। बाद में उसे उच्चतर ईलाज के लिए रांची स्थित मेडिका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बता दें, आनंद को चेहरे में गम्भीर और जानलेवा चोट आई थी जिसके बाद उसे 15 अप्रैल को मेडिका में मैक्सिलोफ़ेसियल सर्जन डॉक्टर अनुज और बाल रोग विशेषज्ञा डॉक्टर बिनोद की देख रेख में भर्ती कराया गया था। आनंद की चेहरे की सर्जरी सोमवार डॉक्टर अनुज के द्वारा की गई। डॉक्टर अनुज ने बताया की आनंद के लिए विशेष रूप से शरीर के अंदर ही लगने वाले इंप्लांट दिल्ली से मंगाए गए थे। मेडिका के डॉक्टरों ने बताया कि पूर्वी भारत में पहली बार ऐसी सर्जरी हुई है, जिसमें बायो रेसोर्बेबल प्लेटलेट्स का इस्तेमाल किया गया हो।
उन्होंने आगे बताया कि इस कठिन सर्जरी में लगभग 3 घंटे तक का समय लगा। डॉक्टर अनुज ने रेसोर्बेबल प्लेट्स की मदद से चेहरे की टूटी हुई हड्डियों को जोड़ा और उसके बाद बच्चे के बुरी तरीके से जख्मी चेहरे को प्लास्टिक सर्जरी की मदद से ठीक किया गया। बच्चे की गंभीर अवस्था को देखते हुए सर्जरी के बाद बच्चे को 2 दिनों के लिए डॉक्टर विजय मिश्रा की निगरानी में क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा गया था। इस सर्जरी के दौरान एनेस्थिसियोलॉजीस्ट के तौर पर डॉक्टर लता भट्टाचार्या भी मौजूद थीं।
आनंद के पिता ने झारखंड सरकार और मेडिका अस्पताल के डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे के ठीक हो जाने के बाद उन्हें अब काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने कहा की उन्हें उम्मीद नहीं थी की इतनी जल्दी उनका बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाएगा लेकिन, जिस लगन से मेडिका के चिकित्सकों ने बच्चे का इलाज किया है, ऐसा लग रहा कि आज उनका बच्चा मौत के मुंह से वापस लौट आया है।

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आपको बता दें, बच्चे को मेडिका में इलाज के लिए भर्ती कराये जाने के साथ-साथ उस पर होने वाला सारा खर्च सरकार ने वहन किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर बच्चे को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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