
जम्मू कश्मीर में भारी बारिश के कारण फंसे लोगों को निकालते जवान (Photo-IANS)
JK and Punjab Flood: जम्मू कश्मीर और पंजाब में भारी बारिश ने तबाई मचाई हुई है। जम्मू कश्मीर में बारिश ने 115 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जम्मू में पिछले 24 घंटों में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं पंजाब के गुरदासपुर में अचानक पानी का आवक बढ़ने के कारण नवोदय स्कूल में 400 छात्र और 40 टीचर फंस गए। छात्र और टीचर स्कूल की ऊपरी मंजिलों और छतों पर चले गए हैं। इनको निकालने के लिए NDRF और सेना की टीम भेजी गई है। इसके अलावा भारी बारिश के चलते सीएम ने 30 अगस्त तक स्कूलों को बंद रखने का निर्देश भी दिए हैं।
जम्मू कश्मीर में बादल फटने और बारिश से तबाई मची हुई है। बारिश के कारण होने वाली घटनाओं में मरने वालों की संख्या 36 हो गई है, जिनमें से सबसे ज्यादा मौतें वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण हुई हैं। इसी कारण से वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा को भी रोक दिया गया है।
वहीं जम्मू क्षेत्र में विभिन्न बाढ़ग्रस्त नदियों के किनारों और जलमग्न निचले इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है। इसके अलावा बचाव एजेंसियां और प्रशासन बाढ़ प्रभावित जम्मू और सांबा जिलों में फंसे लोगों तक पहुंचने का काम जारी रखे हुए हैं।
भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जलमग्न हुए जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर जारी है, हालांकि इसकी तीव्रता कम है। वहीं बुरी तरह प्रभावित हुई जलापूर्ति, बिजली और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को चौथे तवी पुल के पास स्थिति का जायजा लिया, जो लगातार भारी वर्षा के बाद आई बाढ़ में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की और उन्हें जम्मू के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर तवी नदी के किनारे के क्षेत्रों की स्थिति के बारे में जानकारी दी, जहां काफी नुकसान हुआ है।
पंजाब में भारी बारिश और डैमों से लगातार पानी छोड़े जाने कारण 7 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गुरदासपुर में एक नवोदय स्कूल में 400 छात्र और 40 कर्मचारी फंस गए। इनकों निकालने के लिए सेना और NDRF की टीम भेजी है। स्कूल परिसर चार से पांच फीट पानी में डूब गया है।
प्रदेश में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक हो गई है. क्योंकि भाखड़ा, पौंग, रंजीत सागर और शाहपुर कंडी जैसे प्रमुख बांधों में जल स्तर खतरे के निशान के करीब या ऊपर आ गया है। इस बीच बुधवार को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के किनारे बसे पंजाब के सैकड़ों गाँवों में बाढ़ आ गई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ और भाखड़ा तथा पौंग बाँधों के द्वार खोल दिए जाने के बाद फसलों को नुकसान पहुँचा।
वहीं एनडीआरएफ की टीमें वर्तमान में लोगों को बचाने और निकालने का काम कर रही हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले पठानकोट, गुरदासपुर, फाज़िल्का, अमृतसर, होशियारपुर और जालंधर हैं।
Published on:
27 Aug 2025 06:40 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
