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Joshimath मुआवजे पर उत्तराखंड सीएम धामी का वादा, अच्छे से अच्छा रेट देंगे

Joshimath landslide : जोशीमठ में हालात काफी बुरे हैं। पीड़ित अपनी जमीन अपना घर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं। वह मुआवजे की मांग कर रहे हैं। तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ की जनता से वादा की किया कि, अच्छे से अच्छा रेट देंगे। #Joshimathcrisis

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Joshimath मुआवजे पर उत्तराखंड सीएम धामी का वादा, अच्छे से अच्छा रेट देंगे

जोशीमठ में 723 इमारतों में दरारें आई हैं। और अब तक 131 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी जनता की सुरक्षा के लिए हर कदम उठा रहे हैं।चमोली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में सेना, आईटीबीपी, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की। और इस मौके पर जनता को हिम्मत बधांते हुए सीएम धामी ने यह वादा किया कि, मैंने व्यापारी संगठन, निर्वाचित प्रतिनिधि आदि से मुलाकात की। और उनको हरसंभव मदद पहुंचाने की बात कही है। हम अंतरिम सहायता के रूप में 1.5 लाख रुपए की राशि लोगों के खातों में भेज रहे हैं। कमेटी तय करेगी कि, और अच्छे से अच्छा रेट देंगे।

जोशीमठ की जनता के साथ पूरी सरकार

जोशीमठ भू-धंसाव पर उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने कहाकि, इस समय हम हर तरीके से जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े हैं, पूरी सरकार उनके साथ खड़ी हैं और PM मोदी ने हर तरीके से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है। यहां पर पूरी टीम काम कर रही है।

जोशीमठ पीड़ितों की मदद को आगे आई सेना

जोशीमठ भू-धंसाव पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहाकि, जहां तक स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने की बात है तो हमने अपने अस्पताल, हेलीपैड आदि सिविल प्रशासन को दिए हैं। जिससे वे लोगों को अस्थाई तौर पर लोगों को स्थानांतरित कर सकें।

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नुकसान का सर्वेक्षण करेगी केंद्रीय टीम

चमोली जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना ने बताया, एक केंद्रीय टीम जमीन धंसने से संपत्ति को हुए नुकसान का सर्वेक्षण करेगी। और राहत एवं बचाव प्रयासों में स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए आगे का रास्ता सुझाएगी।

2.5 इंच की दर से हर वर्ष धंस रहा है जोशीमठ

एक अध्ययन में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग ने खुलासा किया कि, जोशीमठ और आस-पास के इलाके हर साल 6.5 सेमी (2.5 इंच) की दर से धंस रहे हैं। सैटेलाइट डाटा से इस पर निगरानी रखी जा रही है। हर साल जोशीमठ में कुछ समय के लिए मंदिर पानी में डूबे रहते हैं।

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