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शादियों में हर्ष फायरिंग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मौत को लेकर कही ये बात

Supreme Court : शादियों में हर्ष फायरिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रचलित प्रथा दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रथा को गलत ठहराते हुए कोर्ट ने कहा कि बंदूकें इसके लिए नहीं बनी हैं।

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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारे देश में शादी समारोहों में हर्ष फायरिंग की प्रचलित प्रथा दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रथा को गलत ठहराते हुए कोर्ट ने कहा कि बंदूकें इसके लिए नहीं बनी हैं। शादी समारोह में हर्ष फायरिंग से एक जने की मौत के मामले में अपील का निपटारा करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह टिप्पणी की।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट में हत्या का दोषी करार दिए जाने और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने हर्ष फायरिंग से पहले सुरक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए। हत्या का इरादा साबित नहीं होने पर कोर्ट ने अपीलार्थी की सजा को हत्या के बजाय गैर इरादतन वध की धाराओं में माना और उसे आठ साल की जेल भुगते जाने के आधार पर रिहा करने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट: कांग्रेस आयकर मामले में फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। आयकर विभाग की बकाया मांग के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आयकर अपीलीय ट्रिब्युनल (आइटीएटी) के आदेश के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। विभाग द्वारा 105 करोड़ रुपए की मांग पर आइटीएटी से राहत मिलने पर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची थी। जस्टिस यशवन्त वर्मा और जस्टिस पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की बेंच ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि आइटीएटी के आदेश में कोई बुनियादी खामी नहीं दिखती। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की कि आयकर विभाग की कार्यवाही 2021 से चल रही है। पार्टी ने इस मामले में बहुत ही बुरी तरह से डील किया है तीन साल से सो रहे थे।


अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली। विधानसभा में पार्टी से बगावत करने पर अयोग्य घोषित किए गए हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस के पूर्व विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। इन विधायकों ने अयोग्य ठहराने के स्पीकर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। तीन जजों की बेंच में मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने विधायकों के वकील से सवाल किया कि आपके कौनसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ?आपको हाईकोर्ट क्यों नहीं जाना चाहिए?


कर्नाटक में कक्षा 5,8 व नौ की बोर्ड परीक्षा पर रोक

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के कक्षा पांच, आठ और नौ छात्रों के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा प्रस्तावित बोर्ड परीक्षाओं पर रोक लगा दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट की डबल बेंच के सात मार्च के आदेश को रद्द कर दिया। डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें बोर्ड परीक्षाओं पर रोक लगाई गई थी। शीर्ष अदालत ने निजी स्कूलों और अभिभावकों के संगठनों द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर यह आदेश पारित किया। इन संगठनों ने कर्नाटक हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को चुनाैती दी थी।

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